Aaj Ka Panchang: आज का नक्षत्र आरंभ में आर्द्रा है जो दोपहर 1:04 बजे तक रहेगा, इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र का आरंभ होगा. योग की बात करें तो धृति योग आज रात्रि 3:20 बजे (3 मई) तक रहेगा.
Aaj Ka Panchang: आज दिनांक 02 मई 2025, शुक्रवार है. वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि प्रातः 9 बजकर 14 मिनट तक रहेगी, इसके पश्चात षष्ठी तिथि का आरंभ होगा. आज का दिन देवी उपासना और लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है. विक्रम संवत 2082 के कालयुक्त संवत्सर और शक संवत 1947 के अनुसार यह दिन धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. चंद्रमास वैशाख है और चंद्रमा आज मिथुन राशि में संचार कर रहा है, जबकि सूर्य मेष राशि में स्थित हैं. सूर्योदय सुबह 5:40 पर तथा सूर्यास्त शाम 6:57 पर होगा. चंद्रमा का उदय सुबह 9:28 पर होगा और चंद्रास्त रात्रि 12:13 पर (3 मई को) होगा.
आज का नक्षत्र आरंभ में आर्द्रा है जो दोपहर 1:04 बजे तक रहेगा, इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र का आरंभ होगा. योग की बात करें तो धृति योग आज रात्रि 3:20 बजे (3 मई) तक रहेगा. करण में पहले बालव रहेगा, फिर कौलव और अंत में तैतिल करण प्रभावी रहेगा. वैदिक ऋतु वसंत है जबकि द्रिक ऋतु अनुसार ग्रीष्म काल चल रहा है. दिनमान 13 घंटे 17 मिनट और रात्रिमान 10 घंटे 41 मिनट का रहेगा.
आज शुभ समयों में ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:14 से 4:57 तक और अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:52 से 12:45 तक रहेगा. विजय मुहूर्त 2:31 से 3:24 बजे तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 6:56 से 7:17 तक है. सायाह्न संध्या का समय 6:57 से 8:01 तक रहेगा. आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग दोपहर 1:04 बजे से अगले दिन सुबह 5:39 बजे तक रहेगा, जो विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
दिनांक | शुक्रवार, 02 मई 2025 |
तिथि | पंचमी (प्रातः 9:14 तक), फिर षष्ठी प्रारंभ |
मास और पक्ष | वैशाख मास, शुक्ल पक्ष |
संवत | विक्रम संवत 2082, शक संवत 1947 |
सूर्योदय | सुबह 5:40 बजे |
सूर्यास्त | शाम 6:57 बजे |
चंद्रमा राशि | मिथुन |
सूर्य राशि | मेष |
चंद्रोदय | सुबह 9:28 बजे |
चंद्रास्त | रात्रि 12:13 बजे (3 मई) |
नक्षत्र | आर्द्रा (दोपहर 1:04 बजे तक), फिर पुनर्वसु |
योग | धृति (रात्रि 3:20 बजे तक, 3 मई तक) |
करण | बालव, कौलव, तैतिल |
ऋतु (वैदिक/द्रिक) | वसंत / ग्रीष्म |
दिनमान | 13 घंटे 17 मिनट |
रात्रिमान | 10 घंटे 41 मिनट |
ब्रह्म मुहूर्त | 4:14 से 4:57 बजे |
अभिजीत मुहूर्त | 11:52 से 12:45 बजे |
विजय मुहूर्त | 2:31 से 3:24 बजे |
गोधूलि मुहूर्त | 6:56 से 7:17 बजे |
सायाह्न संध्या | 6:57 से 8:01 बजे |
विशेष योग | सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग (1:04 PM से अगले दिन 5:39 AM तक) |
राहुकाल | 10:39 से 12:18 बजे |
यमगण्ड काल | 3:38 से 5:17 बजे |
गुलिक काल | 7:19 से 8:59 बजे |
दुर्मुहूर्त | 8:19 से 9:12 बजे |
वर्ज्य काल | 12:49 AM से 2:23 AM (3 मई) |
बाण दोष | 2:34 PM तक (रोग कारक) |
दिशा शूल | पश्चिम दिशा (गुड़/धनिया सेवन कर यात्रा करें) |
आनंदादि योग | पद्म (1:04 PM तक), फिर लुम्बक |
तमिल योग | सिद्ध (1:04 PM तक), फिर मरण |
नेत्र गणना | एक नेत्र योग |
होमाहुति देवता | बुध देव |
दिन की विशेषता | देवी उपासना, लक्ष्मी पूजन, शुभ कार्यों हेतु उत्तम दिन |
अशुभ समयों में राहुकाल सुबह 10:39 से दोपहर 12:18 तक रहेगा. यमगण्ड काल दोपहर 3:38 से 5:17 तक और गुलिक काल 7:19 से 8:59 तक रहेगा. दुर्मुहूर्त का समय सुबह 8:19 से 9:12 तक है. वर्ज्य काल रात्रि 12:49 से 2:23 बजे (3 मई) तक रहेगा. बाण दोष दोपहर 2:34 बजे तक रहेगा, जो रोग कारक माना गया है. आज दिशा शूल पश्चिम दिशा में रहेगा, अतः यदि इस दिशा में यात्रा अनिवार्य हो तो गुड़ या धनिया का सेवन कर यात्रा करें.
आज का आनंदादि योग ‘पद्म’ और तमिल योग ‘सिद्ध’ है जो दोपहर 1:04 बजे तक शुभ माने जाते हैं. इसके बाद लुम्बक और मरण योग प्रभावी रहेंगे, जो अशुभ माने जाते हैं. नेत्र गणना के अनुसार आज एक नेत्र योग है. होमाहुति के अनुसार आज बुध देव का प्रभाव है.
इस प्रकार आज का दिन शुभ कार्यों, धार्मिक अनुष्ठानों एवं आराधना के लिए अनुकूल है. विशेषकर पंचमी और सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग में यदि आप कोई नया कार्य प्रारंभ करना चाहते हैं तो यह दिन आपके लिए शुभ सिद्ध हो सकता है.
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