Home Entertainment भारत एक फिल्म प्रेमी देश, लेकिन अधिकांश लोगों की पहुंच सिनेमाघरों तक नहींः आमिर खान

भारत एक फिल्म प्रेमी देश, लेकिन अधिकांश लोगों की पहुंच सिनेमाघरों तक नहींः आमिर खान

by Sanjay Kumar Srivastava
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Aamir Khan

उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश की गंभीर आवश्यकता है.देश में कई जिले और बड़े इलाके हैं, जहां एक भी थिएटर नहीं है.

Mumbai: सुपरस्टार आमिर खान ने शुक्रवार को कहा कि भारत एक फिल्म प्रेमी देश है, लेकिन इसके अधिकांश लोगों की सिनेमाघरों तक पहुंच नहीं है. वह पहले विश्व दृश्य श्रव्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) के दूसरे दिन “भविष्य के स्टूडियो: भारत को विश्व स्टूडियो मानचित्र पर लाना” शीर्षक सत्र को संबोधित कर रहे थे. आमिर ने कहा कि उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश की गंभीर आवश्यकता है. मेरा मानना ​​है कि हमें भारत में और भी कई तरह के थिएटर बनाने की जरूरत है. देश में कई जिले और बड़े इलाके हैं, जहां एक भी थिएटर नहीं है.

सिनेमा स्क्रीन की संख्या के मामले में अमेरिका और चीन से बहुत पीछे है भारत

कहा कि मुझे लगता है कि पिछले कई दशकों में हमने जो भी समस्याएं झेली हैं, वे सिर्फ स्क्रीन की संख्या को लेकर है. मेरे हिसाब से हमें इसी पर निवेश करना चाहिए. अभिनेता ने कहा कि भारत में अपार संभावनाएं हैं, लेकिन इसका एहसास तभी हो सकता है, जब आपके पास देश भर में और स्क्रीन हों. अगर ऐसा नहीं होगा, तो लोग फिल्में नहीं देखेंगे. सुपरस्टार ने इस बात पर जोर दिया कि सिनेमा स्क्रीन की संख्या के मामले में भारत अमेरिका और चीन से बहुत पीछे है. देश के आकार और यहां रहने वाले लोगों की संख्या के हिसाब से हमारे पास बहुत कम थिएटर हैं. मुझे लगता है कि हमारे पास करीब 10 हजार स्क्रीन है. अमेरिका में, जिसकी आबादी भारत की एक तिहाई है, 40 हजार स्क्रीन हैं. इसलिए वे हमसे बहुत आगे हैं. चीन में 90 हजार स्क्रीन हैं.

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देश में केवल दो प्रतिशत आबादी ही देखती हैं हिट फिल्में

आमिर ने कहा कि इन 10 हजार में से भी आधे दक्षिण में हैं और बाकी आधे देश के बाकी हिस्सों में हैं. इसलिए एक हिंदी फिल्म के लिए आमतौर पर यह करीब पांच हजार स्क्रीन होती है. उन्होंने कहा कि ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए भी भारतीयों का केवल एक छोटा सा हिस्सा उन्हें सिनेमाघरों में देखने में सक्षम है. कहा कि हमारे देश में केवल दो प्रतिशत आबादी, जिसे एक फिल्म प्रेमी देश के रूप में जाना जाता है, सिनेमाघरों में हमारी सबसे बड़ी हिट फिल्में देखती है. बाकी 98 प्रतिशत – कहां फिल्म देख रहे हैं ? उन्होंने यह भी कहा कि भारत के कई क्षेत्रों में, जिसमें कोंकण जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं, कोई भी सिनेमाघर नहीं है.

शाहरुख खान ने भी की देश में अधिक सिनेमाघरों की वकालत

आमिर ने कहा कि उन क्षेत्रों में लोग फिल्मों के बारे में सुनेंगे, ऑनलाइन चर्चा देखेंगे, लेकिन उन्हें देखने का कोई तरीका नहीं है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. इसलिए पहली चीज जो हमें करने की ज़रूरत है, वह यह है कि हमारे पास अधिक स्क्रीन होनी चाहिए.शिखर सम्मेलन के पहले दिन, आमिर के समकालीन शाहरुख खान ने भी देश में अधिक सिनेमाघरों की वकालत की थी. उन्होंने कहा कि मैं अभी भी मानता हूं कि आज की मांग छोटे शहरों और कस्बों में सरल, सस्ते सिनेमाघरों की है, ताकि हम अधिक से अधिक भारतीयों को सस्ती दरों पर किसी भी भाषा में भारतीय फिल्में दिखा सकें. इस सत्र में आमिर के साथ फिल्म निर्माता रितेश सिधवानी, दिनेश विजन, नमित मल्होत्रा, पीवीआर आइनॉक्स के संस्थापक अजय बिजली और अमेरिकी फिल्म निर्माता चार्ल्स रोवन भी शामिल हुए.

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