बिलासपुर पुलिस ने 20 अप्रैल को आरोपी और निजी अस्पताल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (धारा 304) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था.
Bilaspur: छत्तीसगढ़ पुलिस ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत के मामले में फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने 2006 में यहां एक निजी अस्पताल में शुक्ला का ऑपरेशन किया था, जिसके बाद पूर्व अध्यक्ष की मौत हो गई थी. इसके पहले फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ को पहले मध्य प्रदेश के दमोह के एक अस्पताल में गलत सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह मध्य प्रदेश की दामोह जेल में बंद था.
कोटा से विधायक चुने गए थे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष
बिलासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि आरोपी को गुरुवार को दमोह जिला जेल से हिरासत में लिया गया था . दोनों राज्यों की अदालतों से आवश्यक आदेश प्राप्त करने के बाद शुक्रवार सुबह बिलासपुर लाया गया. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला विधानसभा क्षेत्र कोटा से चुने गए थे. पूर्व अध्यक्ष के बेटे प्रदीप शुक्ला ने हाल ही में एक पुलिस शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि आरोपी उस निजी अस्पताल से जुड़ा था, जब उनके पिता वहां भर्ती थे. इस दौरान आरोपी ने राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की हृदय की सर्जरी की थी. उनका अगस्त 2006 में बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था. मालूम हो कि राजेंद्र प्रसाद शुक्ला 2000-2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष थे.
ये भी पढ़ेंः Weather Update : दिल्ली में लोगों को गर्मी से राहत, जमकर बरस रहे बादल; रेड अलर्ट जारी
दोषियों को मिलेगी सख्त सजाः एसएसपी
बिलासपुर पुलिस ने 20 अप्रैल को आरोपी और निजी अस्पताल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (धारा 304) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था. एसएसपी ने कहा कि निजी अस्पताल (बिलासपुर में) में अपने कार्यकाल के दौरान आोरपी द्वारा इलाज किए गए सभी रोगियों को जांच में शामिल किया गया है. जांच के दौरान यह पाया गया कि एक अन्य मरीज भगत राम डोडेजा की भी आरोपी के इलाज के बाद मौत हो गई थी. एसएसपी ने कहा कि दोषियों को सख्त सजा सुनिश्चित करने के लिए जांच जारी है.
मिशन अस्पताल दमोह में भी सात लोगों की मौत का है आरोप
इसके पहले यादव को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा एक शिकायत मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि मिशन अस्पताल दमोह में सात लोगों की मौत हो गई थी, जहां उसने हृदय रोगों के इलाज के नाम पर मरीजों का ऑपरेशन किया था. इंदौर स्थित एक रोजगार कंसल्टेंसी फर्म के निदेशक ने पिछले महीने कहा था कि यादव ने 2020 से 2024 के बीच तीन बार नौकरी के लिए अपना बायोडाटा भेजा था और दावा किया था कि उन्होंने हजारों मरीजों का ऑपरेशन किया है. उधर आरोपी ने कहा कि मुझे फंसाया गया है.उसने दावा किया कि उसकी मेडिकल संबंधित सभी डिग्रियां सही हैं.
ये भी पढ़ेंः ‘बड़ी शक्तियों ने बहुलवाद को दबाया…’ जयशंकर बोले- विश्व व्यवस्था लोकतांत्रिक होनी चाहिए