Delhi News : दिल्ली में मुस्तफाबाद में एक छह मंजिला बिल्डिंग भरभराकर जमींदोज हो गई. इस घटना में अभी तक 4 लोग की मौत हो चुकी है और 12 लोग घायल बताए जा रहे हैं.
Delhi News : राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद में स्थित दयालपुर में उस वक्त सनसनी फैल गई जब वह एक छह मंजिला इमारत भरभराकर जमींदोज हो गई. इस पूरे हादसे का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि चंद सेकेंड में पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई. हादसे की सूचना शुक्रवार और शनिवार की सुबह 2 से 3 बजे तक दमकल विभाग को मिली और इसके बाद विभाग ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया. हादसे में चार लोगों की मौत हो गई है जबकि 12 लोग घायल बताए जा रहे हैं. साथ ही ऑपरेशन जारी है और कहा जा रहा है कि लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं.
VIDEO | Delhi building collapse: Rescue operation continues in Dayalpur area.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 19, 2025
Four people were killed after a four-storey building collapsed in Dalaypur area late last night, said an official, adding that 8-10 people are still feared trapped inside the rubble.
(Full video… pic.twitter.com/YWxeRklhBb
भीड़भाड़ इलाके मलबा हटाना चुनौती पूर्ण
बिल्डिंग जमींदोज होने के बचाव कार्य में जुटी NDRF की टीम के DIG मोहसेन शाहिदी ने कहा कि यह जी+4 बिल्डिंग ढह गई है और इस तरह की घटना को हम ‘पैनकेक कोलेप्स’ कहते हैं. उन्होंने कहा कि यह इस तरह की घटना बहुत खतरनाक होती है और इसमें बचने की संभावना बहुत कम होती है. शाहिदी ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि अभी भी कई लोगों की जान बचाई सकती है और इस में पूरी ताकत के साथ लगे हुए हैं. डीआईजी ने बताया कि मलबे को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है, साथ ही यह काफी भीड़-भाड़ वाला इलाका है तो इस काम को करने में काफी चुनौती सामने आ रही है. इसके अलावा मलबे को हटाने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग काफी कम है. वहीं, वर्तमान में NDRF के अलावा अग्निशमन सेवा और दिल्ली पुलिस बचाव कार्य में जुटी है.
विधानसभा में उठाया था मुद्दा
भारतीय जनता पार्टी के नेता और विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा कि मैंने यह मुद्दा पहले भी दिल्ली विधानसभा में उठाया था. उन्होंने कहा था कि जहां पर छह मंजिला इमारते हैं और बुनियादी ढांचा उन्हें सहारा नहीं दे सकता, वहां पर 100 परिवार ठूंस दिए जाएं तो ऐसी दुर्घटनाएं होना तय है. मोहन सिंह बिष्ट ने मैंने यह चिंता उपराज्यपाल के समक्ष भी उठाई थी और जिम्मेदार लोगों को तुरंत पद हटाया जाना चाहिए. बता दें कि प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि यहां पर दो पुरुष और बहुएं रहती हैं. सबसे बड़ी बहुरानी के तीन बच्चे हैं और दूसरी बहू के तीन बच्चे हैं. फिलहाल उनका कुछ पता नहीं चल पाया है.
इसी बीच दिल्ली के डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने कहा कि हमें सुबह करीब 2:50 बजे इमारत ढहने की सूचना मिली और जब हम मौके पर पहुंचे तो पूरी बिल्डिंग जमींदोज हुई पड़ी थी. फिलहाल मलबे में फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला गया और जो कुछ लोग फंसे हुए हैं उनको निकालने की कोशिश जारी है. वहीं, बचाव कार्य में एनडीआरएफ, दिल्ली अग्निशमन सेवा और सामाजिक कार्यकर्ता इस कार्य में जुटे हुए हैं.
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