भारत ने गुरुवार को कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द ही फिर से शुरू होने की संभावना है और इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. भारत और चीन पिछले साल अक्टूबर में हुए समझौते के तहत संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहे हैं.
New Delhi: भारत ने गुरुवार को कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा जल्द ही फिर से शुरू होने की संभावना है और इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. भारत और चीन पिछले साल अक्टूबर में हुए समझौते के तहत डेमचोक और देपसांग के दो शेष घर्षण बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी पूरी करने के बाद संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत और चीन दोनों पक्षों के बीच उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं और संबंधित तौर-तरीकों पर काम किया जा रहा है. कैलाश मानसरोवर यात्रा और उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने का कदम भारत और चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध से प्रभावित संबंधों को सुधारने के प्रयासों का हिस्सा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम जल्द ही कैलाश मानसरोवर यात्रा पर एक सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे और जल्द ही यात्रा फिर से शुरू होने की संभावना है. यात्रा इसी साल होगी. उन्होंने कहा, “हम तैयारी कर रहे हैं. जल्द ही जनता के लिए अधिक जानकारी जारी की जाएगी. मालूम हो कि 2020 के बाद से कैलाश मानसरोवर यात्रा नहीं हुई है.
उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने पर जायसवाल ने कहा: “सैद्धांतिक रूप से, दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि उड़ान संचालन फिर से शुरू होगा. उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों की तकनीकी टीमें उड़ान सेवाओं को फिर से शुरू करने के लिए तकनीकी व्यवस्थाओं पर विचार कर रही है. दोनों नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों ने मुलाकात की है और अद्यतन रूपरेखा सहित प्रासंगिक तौर-तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं. पिछले महीने, भारत और चीन ने संबंधों को फिर से बनाने के तरीकों की खोज की और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रयास शुरू करने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें इस साल सीधी उड़ानों के साथ-साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने की व्यवस्था भी शामिल है.
मालूम हो कि 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे. बीजिंग में यह बैठक विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशिया प्रभाग के संयुक्त सचिव गौरांगलाल दास और चीनी विदेश मंत्रालय के एशियाई मामलों के विभाग के महानिदेशक लियू जिनसोंग के बीच हुई. देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी के बाद भारत और चीन के बीच कई बैठकें हुई हैं. जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग का दौरा किया और अपने चीनी समकक्ष सुन वेइदोंग के साथ वार्ता की. बैठक में दोनों पक्षों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला किया.
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