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Akshaya Tritiya: जानिए इस शुभ दिन का धार्मिक महत्व, इतिहास और इसके साथ जुड़ी खास बातें

by Live Times
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Akshaya Tritiya: इस साल 30 अप्रैल को पड़ेगी अक्षय तृतीया. यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है और हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी कुछ रोचक बातें, कि क्या है अक्षय तृतीया और इसे क्यों मनाया जाता है.

Akshaya Tritiya: इस साल 30 अप्रैल को पड़ेगी अक्षय तृतीया. यह दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है और हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन से जुड़ी कुछ रोचक बातें, कि क्या है अक्षय तृतीया और इसे क्यों मनाया जाता है.

25-04-25

Akshaya Tritiya: हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया इस वर्ष 30 अप्रैल को पड़ेगी. इसे अबूझ तिथि भी कहा जाता है. यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती. शास्त्रों में उल्लेख है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए पुण्य कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता, इसलिए यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया का आरंभ कब हुआ और इसे इतना पुण्य दायी क्यों माना जाता है.

कब है तृतीया तिथि?

पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रैल को शाम 5:32 बजे से शुरू होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2:13 बजे तक रहेगी. हालांकि, उदया तिथि को महत्व दिया जाता है, इसलिए अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल को पूरे दिन मनाया जाएगा. इस दिन लोग विवाह, गृह प्रवेश, वाहन या संपत्ति खरीदने, व्यापार की शुरुआत जैसे शुभ कार्य करना शुभ मानते हैं.

किस युग से हुई इसकी शुरुआत?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन सतयुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग की शुरुआत हुई थी. कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने परशुराम अवतार लिया था और मां गंगा का धरती पर अवतरण भी अक्षय तृतीया को हुआ था. इसके अलावा, चारधाम यात्रा की शुरुआत भी इसी दिन से मानी जाती है, जिससे इस तिथि का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।

क्यों होता है अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ?

अक्षय तृतीया के दिन सोने-चांदी की खरीदारी की परंपरा बहुत पुरानी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन खरीदी गई वस्तुएं घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि लाती हैं. इसीलिए, अक्षय तृतीया के अवसर पर बाजारों में विशेष हलचल और रौनक होती है, क्योंकि लोग इस दिन खरीदारी करके अपने जीवन को भाग्यशाली मानते हैं.

धार्मिक दृष्टिकोण से अक्षय तृतीया का महत्व

ज्योतिषियों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन किए गए कार्यों का फल हमेशा के लिए स्थायी रहता है. इस दिन जिन लोगों ने लंबे समय से कोई शुभ कार्य टाल रखा है, वे इसका लाभ उठाकर उसे पूरा कर सकते हैं. धार्मिक दृष्टिकोण से यह तिथि बेहद पुण्यदायी मानी जाती है, जो व्यक्ति के जीवन में शुभता और समृद्धि लाती है.

अक्षय तृतीया क्यों है अबूझ मुहूर्त?

अक्षय तृतीया एक अबूझ मुहूर्त है, जो हर साल वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. यदि 30 अप्रैल को आप कोई नया कार्य शुरू करने का सोच रहे हैं, तो यह दिन आपके लिए अत्यंत शुभ और अनुकूल रहेगा. इस दिन किए गए कामों में सफलता और समृद्धि की संभावनाएं अधिक होती हैं.

यह भी पढ़े: आज का पंचांग, 25 अप्रैल 2025, वैशाख कृष्ण पक्ष की द्वादशी, जानिए दिनभर का शुभ-अशुभ समय

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