Tahawwur Rana: एक रिपोर्ट के मुताबिक, बत्रा के एक साथी अधिकारी ने बताया कि वह तब तक चैन से नहीं बैठते, जब तक मिशन पूरी तरह सफल न हो जाए.
Tahawwur Rana: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाकर सजा दिलवाना एक बेहद संवेदनशील मिशन है. इस चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने देश के तीन सबसे तेज-तर्रार और भरोसेमंद अधिकारियों व वकीलों को चुना है. ये हैं नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के इंस्पेक्टर जनरल आशीष बत्रा, डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल जया रॉय और प्रख्यात क्रिमिनल वकील दयान कृष्णन. ये तीनों अपने-अपने क्षेत्र में माहिर हैं और इस हाई-प्रोफाइल केस को अंजाम तक पहुंचाने में इनकी भूमिका सबसे अहम होगी.
आशीष बत्रा: सख्त और असरदार IPS अधिकारी
1997 बैच के IPS अधिकारी आशीष बत्रा इस समय NIA में इंस्पेक्टर जनरल (IG) के पद पर तैनात हैं. उन्होंने 2019 में NIA को जॉइन किया था और उनका कार्यकाल अब 15 सितंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है. बत्रा का अंदाज सख्त लेकिन प्रभावी है. इससे पहले वह झारखंड जैगुआर के IG रह चुके हैं, जो नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने वाली विशेष फोर्स है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बत्रा के एक साथी अधिकारी ने बताया कि वह तब तक चैन से नहीं बैठते, जब तक मिशन पूरी तरह सफल न हो जाए. अगर 10 में से 4 नक्सली पकड़े गए, तो उनका ध्यान बाकी 6 पर होता है जो भाग निकले. बत्रा ने नक्सलियों की संपत्तियों को UAPA कानून के तहत चिह्नित कर उनकी जांच की, जो कानूनी रूप से एक बड़ा कदम था. तहव्वुर राणा के मामले में भी उनसे ऐसी ही ठोस कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है.
जया रॉय: साइबर क्रिमिनल्स से आतंकवादियों तक के छुड़ाए हैं छक्के
2011 बैच की IPS अधिकारी जया रॉय वर्तमान में NIA में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) के पद पर हैं. उन्होंने भी 2019 में NIA को जॉइन किया था. AIIMS में मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर IPS बनने वाली जया ने अपने करियर की शुरुआत से ही अपनी काबिलियत साबित की है. झारखंड के कुख्यात साइबर क्राइम हब ‘जामताड़ा’ में SP रहते हुए उन्होंने साइबर अपराधियों पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई की थी.
NIA में आने के बाद जया ने कई बड़े मामलों को संभाला है. तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने और जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में उनकी सक्रिय भूमिका होगी.
दयान कृष्णन: कानूनी दांवपेंच में सबसे माहिर
तहव्वुर राणा को भारत लाना अगर एक कानूनी जंग है, तो इसके सबसे बड़े योद्धा हैं प्रख्यात क्रिमिनल वकील दयान कृष्णन. वह इस प्रत्यर्पण मामले में भारत की ओर से लीड प्रोसीक्यूटर हैं. दयान ने अमेरिकी अदालतों में भारत का पक्ष मजबूती से रखा और अब दिल्ली में राणा व डेविड हेडली जैसे आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लड़ेंगे.
दयान को निर्भया गैंगरेप केस, संसद हमला केस और सत्यम घोटाले जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में काम करने का व्यापक अनुभव है. उनके साथ इस टीम में दो अन्य वकील, संजीवी शेषाद्रि और श्रीधर काले, तथा स्पेशल पब्लिक प्रोसीक्यूटर नरेंद्र मान भी शामिल हैं, जो दिल्ली की अदालतों में NIA की ओर से केस को आगे बढ़ाएंगे.
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