Home National Terrorism in Pakistan: आतंकवादियों को पालने वाले पाक पर भी मंडराता है आतंक का साया!

Terrorism in Pakistan: आतंकवादियों को पालने वाले पाक पर भी मंडराता है आतंक का साया!

by Live Times
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Terrorism in Pakistan: आतंक से सिर्फ भारत को ही डर नहीं लगता बल्कि खुद आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान पर भी इसका डर साफ नजर आता है. भारत में हुए आतंकी हमलों पर पाक जितनी जल्दी जिम्मेदारी लेता है, उतनी ही अगर खुद आतंक को साफ करने में लेता तो भारत को खुद पाक में घुसे कर इन्हें नहीं मरना पड़ता. और यह दौर तब तक चलेगा जब-तक पाक आतंक के मामले में अपनी जिम्मेदारी समझ ना ले.

Terrorism in Pakistan: आतंक से सिर्फ भारत को ही डर नहीं लगता बल्कि खुद आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान पर भी इसका डर साफ नजर आता है. भारत में हुए आतंकी हमलों पर पाक जितनी जल्दी जिम्मेदारी लेता है, उतनी ही अगर खुद आतंक को साफ करने में लेता तो भारत को खुद पाक में घुस कर इन्हें नहीं मरना पड़ता. और यह दौर तब तक चलेगा जब-तक पाक आतंक के मामले में अपनी जिम्मेदारी समझ ना ले.

26-04-2025

Terrorism in Pakistan: 22 अप्रैल 2025, वो दिन जिसने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया. जम्मू-कश्मीर के बैसरन घाटी में गूंजी चीखें पूरे विश्व में जरूर सुनाई दी गयी होंगी पर शायद कभी भारत का ही हिस्सा रहे पकिस्तान ने उन चीखों को सुनकर भी अन-सूना कर दिया. जिस हमले पर पाकिस्तान को शर्म आनी चाहिए थी, वो पाकिस्तान भारत के लिए फैसले पर युद्ध की चेतावनी दे रहा है. अक्सर भारत में जब भी आतंकी हमले होते हैं तो उनका पूरा जिम्मा पाकिस्तान के ही आतंकी समूह लेते हैं. बात यहां तक तो समझ आती है की पाकिस्तान, भारत से दुश्मनी के चलते हमले करवाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं खुद पाकिस्तान भी आतंकी हमलों से बच नहीं पाया है. जी हाँ, पाकिस्तान में आतंकी हमले इस रफतार से बढ़ रहे हैं, की मानों वहां के नौजवानों को नया प्रोफेशन मिल गया हो.

पाक में पिछले 2 दशक में हुए आतंकी हमलें

2006 में, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज़ (PIPS) की सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, कुल 657 आतंकवादी हमले हुए, जिनमें से 41 हमले सांप्रदायिक प्रकृति के थे। इन घटनाओं में 907 लोगों की मौत हुई और 1,543 लोग घायल हुए.

2007 में, एक रिपोर्ट के अनुसार 1,515 आतंकवादी हमले और झड़पें हुईं, जिनमें आत्मघाती हमले भी शामिल थे. इन घटनाओं में 3,448 लोग मारे गए और 5,353 घायल हुए. यह आंकड़े 2006 की तुलना में 128 प्रतिशत और 2005 की तुलना में 491.7 प्रतिशत अधिक हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2007 में पाकिस्तान में 60 आत्मघाती हमले हुए, जिनमें से अधिकांश सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किए गए थे, इन हमलों में कम से कम 770 लोग मारे गए और 1,574 घायल हुए. PIPS की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल मस्जिद अभियान के बाद आत्मघाती हमलों में स्पष्ट रूप से वृद्धि देखी गई.

1979 के अफगान युद्ध से पाक में रखी गई आतंकवाद की नींव

पाकिस्तान में आतंकवाद की जड़ें वर्ष 1979 से जुड़ी हुई हैं, जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किया था. माना जाता है कि आतंकवाद की शुरुआत उस समय हुई जब पाकिस्तान ने सोवियत-अफगान युद्ध के दौरान अफगान मुजाहिदीन का समर्थन किया. इस युद्ध के बाद अफगानिस्तान में गृहयुद्ध भड़क उठा, जिससे हालात और बिगड़ते गए

इन मुजाहिदीन लड़ाकों को पाकिस्तान की सेना, अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA, और अन्य पश्चिमी गुप्तचर संस्थाओं द्वारा प्रशिक्ष* दिया गया था. युद्ध के आधिकारिक रूप से समाप्त होने के बाद भी इन एजेंसियों की गतिविधियाँ इस क्षेत्र में जारी रहीं.

यह भी पढ़े: हमले के बाद आक्रोश में लोग, CM रेवंत रेड्डी ने की पीएम से अपील; कहा-POK को भारत में मिलाएं

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