Waqf Act : वक्फ एक्ट 2025 को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत में दर्जनों से ज्यादा भी याचिका दायर की गई हैं. केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल करके आग्रह किया है कि इस मामले में आदेश जारी करने से पहले उसे भी सुना जाए.
Waqf Act : वक्फ कानून को लेकर दायर याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई करवाएगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ दोपहर 2 बजे करीब इस मामले में पक्ष और विपक्ष दोनों पर सुनवाई करने वाली है. उच्चतम न्यायालय में कई राज्यों ने इस कानून के समर्थन में अर्जियां दी हैं. वहीं, वक्फ अधिनियम, 1995 की संवैधानिकता पर चुनौती दी है. सीजेआई के नेतृत्व वाली पीठ ने 10 याचिकाओं को लिस्ट किया है. लेकिन धार्मिक संस्थाओं, सांसदों, राजनीतिक दलों और राज्यों को मिलाकर 70 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं.
वक्फ संसोधन एक्ट के खिलाफ याचिका दायर
वक्फ एक्ट 2025 को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत में दर्जनों से ज्यादा भी याचिका दायर की गई हैं. केंद्र सरकार ने कैविएट दाखिल करके आग्रह किया है कि इस मामले में आदेश जारी करने से पहले उसे भी सुना जाए. इसी बीच महाराष्ट्र, उत्तराखंड, असम, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हरियाणा ने भी उच्चतम न्यायालय में हस्तक्षेप आवेदन दायर कर इस कानून का समर्थन किया है और अपना पक्ष रखने का आग्रह किया है. वहीं, एक्ट का विरोध करने वाली याचिकाओं में दावा किया है कि नया वक्फ कानून संविधान अनुच्छेद 14, 15 (समानता), 25 (धार्मिक स्वतंत्रता), 26 (धार्मिक मामलों की व्यवस्था) और 29 (अल्पसंख्यक अधिकार) जैसे मौलिक अधिकारों के विरुद्ध है. इसके अलावा याचिका में अनुच्छेद 300A के खिलाफ भी बताया है.
वक्फ एक्ट का आदिवासियों ने किया समर्थन
विपक्ष की कई राजनीतिक पार्टियों ने भी वक्फ संशोधन एक्ट को चुनौती दी है और ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इस मामले में याचिका दायर की है. सभी याचिकाओं में मुख्य रूप से यही कहा गया है कि यह कानून मुसलमान के साथ मतभेद करने वाला है और इससे धार्मिक आजादी को सीमित कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि वक्फ एक धार्मिक संस्था है जो केंद्र सरकार संशोधन करके उसमें दखल देने का काम कर रही है. इसके अलावा कानून के समर्थन में याचिका दाखिल करने वाले राज्यों का कहना है कि वक्फ एक्ट व्यवहारिक, न्यायसंगत और पारदर्शी है. वहीं, कुछ आदिवासी संगठनों ने इस कानून का समर्थन करते हुए कहा कि यह हमारे समुदाय की रक्षा होगी. उन्होंने कहा कि पुराने कानून के अनुसार वक्फ बोर्ड अनुसूचित जनजाति की जमीन पर कब्जा कर लिया करता था. हालांकि, इस कानून से जोर-जबरदस्ती कम हो जाएगी.
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