Home Latest सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगा अंकुशः रडार से मापी जाएगी वाहनों की गति, एक जुलाई से लागू होगा नया नियम

सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगा अंकुशः रडार से मापी जाएगी वाहनों की गति, एक जुलाई से लागू होगा नया नियम

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
road accident

देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए भारत सरकार नया नियम लागू करने जा रही है. सरकार का मानना है कि नए नियम से हादसों में कमी आएगी और परिवार बिखरने से बचेगा.

New Delhi: देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए भारत सरकार नया नियम लागू करने जा रही है. सरकार का मानना है कि नए नियम से हादसों में कमी आएगी और परिवार बिखरने से बचेगा.सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और यातायात परिचालन को सुरक्षित करने के लिए सरकार एक जुलाई 2025 से वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए रडार उपकरण का प्रयोग करेगी.

ये नियम 1 जुलाई 2025 से लागू होंगे, जिससे उद्योगों और प्रवर्तन एजेंसियों को प्रावधानों का अनुपालन करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. इन नियमों के अनुसार सभी रडार-आधारित गति मापक उपकरण विधिक माप विज्ञान अधिकारियों द्वारा सत्यापित और मुहर लगाए हुए होने चाहिए. इससे यह सुनिश्चित होगा कि ऐसे उपकरण सही हैं और कानूनी रूप से मान्य हैं जिससे पारदर्शिता, जनता में विश्वास और नियमों का पालन करने में ईमानदारी बढ़ेगी. सत्यापित रडार सिस्टम वाहनों की गति की निगरानी करेगा. साथ ही ​​दुर्घटनाओं की रोकथाम में भी महत्वपूर्ण सबित होगा.

रडार-आधारित गति माप उपकरण देगा स्पीड की सटीक जानकारी

इन नियमों का प्रारूपण अंतर्राष्ट्रीय मानक ओआईएमएल आर 91 पर आधारित तकनीकी इनपुट वाली समिति द्वारा किया गया था. नियमों को अंतिम रूप देने से पहले राज्य विधिक माप विज्ञान विभाग, क्षेत्रीय संदर्भ मानक प्रयोगशालाओं , निर्माताओं और उपभोक्ता संगठनों सहित हितधारकों से फीडबैक के माध्यम से परामर्श किया गया था. रडार-आधारित गति माप उपकरण गति सीमा की सटीक जानकारी देगा, जिससे सड़क सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. नागरिक यह जानकर अधिक आत्मविश्वास के साथ गाड़ी चला सकते हैं कि इन नियमों का अनुपालन वैज्ञानिक रूप से मान्य और कानूनी रूप से प्रमाणित है.

राष्ट्रीय स्तर पर यह पहल यातायात प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

राष्ट्रीय स्तर पर यह पहल यातायात प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. मालूम हो कि रडार उपकरण डॉपलर रडार जैसी तकनीकों का उपयोग करके संचालित होते हैं, जो उच्च सूक्ष्मता के साथ वाहन की गति को मापते हैं. इस उपकरण के जरिए यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि दुर्घटना के समय वाहनों की गति कितनी थी. हालांकि जब भीषण हादसे होते हैं तो यह पता नहीं चल पाता है कि हादसे के दौरान वाहनों की गति कितनी थी, जिससे अदालतों में निर्धारित सीमा से ज्यादा गति को साबित करना मुश्कल हो जाता है.

ये भी पढ़ेंः IRCTC ने कहा- तत्काल टिकट बुकिंग के समय में कोई बदलाव नहीं, अफवाहों पर ध्यान न देने की यात्रियों को सलाह

You may also like

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00