Trump @100 Days : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने 100 दिन पूरे कर लिए हैं. इस दौरान उनके फैसलों ने दुनियाभर में तबाही मचाई है.
Trump @100 Days : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में 100 दिन पूरे कर लिए हैं. इस दौरान उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जिसकी वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया. इसमें सबसे ज्यादा दुनियाभर के देशों पर लगाई गई टैरिफ है. इसके साथ ही इन 100 दिनों में उन्होंने अमेरिका की विदेशी सहायता में कटौती करने, NATO सहयोगियों की निंदा करने, यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस के दृष्टिकोण से सहमति जताई और ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाने, पनामा नहर को वापस लेने और कनाडा को 51वां राज्य बनाने जैसे बड़े फैसले लिए हैं.
अमेरिका के हित में और कट्टर हुए ट्रंप
यहां आपको बता दें कि अपने पहले कार्यकाल की तुलना में ट्रंप और भी ज्यादा कट्टर हो गए हैं. ये बयान ट्रंप के पहले कार्यकाल में ईरान और वेनेजुएला पर विशेष अमेरिकी दूत नियुक्त किए जाने से पहले राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और जार्ज डब्ल्यू. बुश के अधीन काम कर चुके इलियट अब्राम्स ने कहा कि ट्रंप अब 8 साल पहले की तुलना में कहीं अधिक कट्टर हो गए हैं, मैं हैरान हूं.
ट्रंप के इन फैसलों में मचाई दुनिया में हलचल
अप्रवासियों पर गिरी गाज
ट्रंप ने अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकालने का फैसला लिया जिसमें भारतीय भी शामिल थे. इस फैसले के चलते अमेरिका का कई देशों से मन-मोटाव भी हुआ. अपने सैनिक विमानों के जरिए ट्रंप ने इन अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजा.
NATO से किनारा
आपको बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने इस कार्यकाल में सबसे बड़ा फैसला किया वो है NATO से किनारा करना. देखा जाए तो अमेरिका ने ही NATO को बनाया है, उसे पाला और पोसा है. अमेरिका का हर राष्ट्रपति NATO से सहानभूति रखता है और उसकी मदद करता है. इस दौरान उन्होंने यूरोपीय सहयोगियों आरोप लगाया कि वो अमेरिका के भरोसे बैठे रहते हैं और रक्षा के क्षेत्र में खर्च नहीं करते. इस दौरान उन्होंने खुद को NATO से अगल होने तक की धमकी दे डाली थी.
कनाडा को राज्य बनाने की घोषणा
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही अमेरिका के विस्तार की बात की थी. इसकी वजह से उसके यूरोपीय सहयोगियों के गुस्से का भी सामना करना पड़ा था. इस दौरान कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बता चुके हैं. वहीं ग्रीनलैंड, पनामा और गाजा तक पर कंट्रोल करने की इच्छा जाहीर की है.
टैरिफ धमाके से मचा कोहराम
गौरतलब है कि इन 100 दिनों के अंदर ट्रंप का सबसे बड़ा फैसला दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाना था. उन्होंने हर उस देश पर टैरिफ लगाया जिन्होंने अमेरिकी सामानों पर अपने यहां टैरिफ लगाया था. इसमें भारत का नाम भी शामिल है. ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था. इस टौरिफ के चलते पूरे दुनिया में जमकर हंगामा हुआ था और इसका असर हर देश के शेयय बाजार पर भी दिखाई दिया था.
WHO से अमेरिका हुआ अलग
कोरोना के टाइम से ही WHO ट्रंप के निशाने पर बना हुआ था. ऐसे में दूसरे कार्यकाल में उन्होंने अमेरिका इससे अलग कर दिया. हालांकि, अमेकिरा WHO को सबसे ज्यादा फंड देने वाला देश था.
USAID पर रोक
ट्रंप ने कमजोर देशों को अमेरिका की तरफ से देने वाली USAID मदद पर भी रोक लगा दी है. इसके चलते अमेरिका गरीब देशों को पानी से लेकर अनाज और दवाइयों तक के लिए फंड देता था.
यूक्रेन को छोड़ा
अमेरिका ने यूक्रेन को युद्ध के समय में एकदम अकेला छोड़ दिया. वहीं, इसके पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन का खूब साथ दिया था. इतनी ही ट्रंप की व्हाइट हाउस में बैठक के दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से बहस भी हुई. इसके बाद से वह लगातार पुतिन के साथ फोन पर बातचीत करके चर्चा में रहे.
विश्वविद्यालयों के साथ टकराव
वही, दूसरी तरफ ट्रंप की अमेरिकी विश्वविद्यालयों के साथ भी टकराव होते देखा गया. इस बीच उन्होंने विश्वविद्यालयों को यहूदी विरोधी और हमास समर्थक बताकर निशाना साधा. इस दौरान कई एक्टिविस्ट स्टूडेंट्स को भी देश से निकाल दिया और फंड भी रोक दिया.
सरकारी नौकरियों को कम किया
ट्रंप ने अमेरिका में सरकारी नौकरियों में भी छंटनी की. फिजुल खर्च को रोकने के लिए उन्होंने एलन मस्क के नेतृत्व में बने DOGE ने हजारों सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इसे लेकर अमेरिका में भी खूब विरोध प्रदर्शन किया गया था.
ईरान से डील
पिछली बार ईरान से न्यूक्लियर डील तोड़ने वाले ट्रंप इस कार्यकाल में उसके साथ डील करना चाहते हैं. ऐसा नहीं करने पर वो ईरान को सबक सिखाने की धमकी भी दे रहे हैं.
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