Parshuram Jayanti 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 अप्रैल को परशुराम जयंती मनाई जाएगी. यह पावन तिथि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को पड़ती है और इसे भगवान परशुराम के प्रकट दिवस के रूप में पूजा जाता है.
Parshuram Jayanti 2025: 29 अप्रैल को परशुराम जयंती का पर्व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस दिन परमेश्वर स्तोत्र का पाठ करके भगवान परशुराम की कृपा प्राप्त की जा सकती है. उनके आशीर्वाद से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग खुलता है. साथ ही, अक्षय तृतीया की खरीदारी और लक्ष्मी पूजन इस पुण्य समय को और भी मंगलकारी बना देता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना एवं विशेष स्तोत्रों के पाठ से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है.
परशुराम जयंती का महत्व
भगवान परशुराम, जिन्हें भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है, सनातन धर्म में न्याय, तपस्या और धर्म की स्थापना के प्रतीक माने जाते हैं. उनका जन्म धरती पर अधर्म और अन्याय को समाप्त करने के लिए हुआ था. वे केवल एक महान योद्धा ही नहीं, बल्कि ब्रह्मतेज और क्षात्र बल के अद्वितीय संगम थे. परशुराम जयंती का दिन उनके दिव्य स्वरूप की आराधना और उनके सिद्धांतों को स्मरण करने का श्रेष्ठ अवसर होता है. इस दिन विधिवत रूप से पूजा करने और परमेश्वर स्तोत्र का श्रद्धा पूर्वक पाठ करने से जीवन की तमाम जटिलताओं और संकटों से मुक्ति मिलने का मार्ग प्रशस्त होता है. विशेषकर वे लोग जो लंबे समय से मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी, पारिवारिक समस्याएं या सामाजिक विघ्नों से परेशान हैं, उन्हें इस दिन की पूजा से चमत्कारिक लाभ प्राप्त हो सकता है. भगवान परशुराम की कृपा से व्यक्ति के जीवन में नया उत्साह, आत्मबल और समृद्धि का आगमन होता है.

पूजन विधि में शामिल करें परमेश्वर स्तोत्र, खुलेंगे सौभाग्य के द्वार
इस विशेष दिन पर भगवान परशुराम की पूजा करते समय परमेश्वर स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत फलदायक माना गया है. यह स्तोत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और भक्त को आत्मबल, साहस एवं दिव्य कृपा प्रदान करता है. स्तोत्र का उच्चारण करते समय दीप, धूप, पुष्प और जल से भगवान परशुराम का पूजन करें. मन से की गई प्रार्थना से सभी बिगड़े कार्य भी संवर सकते हैं.
अक्षय तृतीया की पूर्व संध्या पर लक्ष्मी पूजन का विशेष योग
परशुराम जयंती के अगले दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है, जो कि अत्यंत शुभ और समृद्धि देने वाला दिन माना गया है. इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा, सोने-चांदी के आभूषणों की खरीदारी और दान-पुण्य करने से घर में अन्न, धन और वैभव की वृद्धि होती है. परशुराम जयंती से अक्षय तृतीया तक का यह संयोग भक्तों के लिए विशेष फलदायी समय माना गया है.
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