Ground Zero: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की हत्या के बाद, इमरान हाशमी की फिल्म “ग्राउंड जीरो” रिलीज हुई. फिल्म को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं, कुछ ने अभिनय की सराहना की, जबकि कुछ ने आलोचना की.
26-04-2025
Ground Zero: मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना से पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है. जनता न्याय की मांग कर रही है और सरकार भी अब सख्त कदम उठाने की तैयारी में दिख रही है. इसी बीच बॉलीवुड एक्टर इमरान हाशमी अपनी नई फिल्म “ग्राउंड जीरो” के साथ दर्शकों के सामने आए हैं. यह फिल्म कल, यानी 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. दर्शकों की ओर से फिल्म को लेकर शुरुआती प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं.

आइए जानते हैं, फिल्म देखने के बाद लोगों का क्या कहना है
क्या रहा जनता का रिएक्शन?
इमरान हाशमी की फिल्म “ग्राउंड जीरो” का निर्देशन तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने किया है. यह फिल्म बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ दुबे की वास्तविक कहानी पर आधारित है. कीर्ति चक्र से सम्मानित इस अफसर ने वर्ष 2001 में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना राना ताहिर नदीम उर्फ गाजी बाबा का पर्दाफाश किया था. इसी साहसिक मिशन को केंद्र में रखकर “ग्राउंड जीरो” बनाई गई है.
फिल्म की रिलीज के बाद दर्शकों की प्रतिक्रियाएं मिश्रित रही हैं. कुछ लोगों ने प्री-स्क्रीनिंग के बाद भी फिल्म की तारीफ की थी. एक यूज़र ने लिखा, “ग्राउंड जीरो आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को दर्शाने वाली एक प्रभावशाली फिल्म है.” तो वहीं दूसरे ने लिखा, “इमरान हाशमी का अभिनय फिल्म में बेहद दमदार है.”
फिल्म को मिला राजनीतिक समर्थन
राजनीतिक नेताओं ने भी फिल्म की सराहना की है. भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने इसे बीएसएफ सैनिकों की वीरता का शानदार चित्रण बताया और फिल्म की सफलता की कामना की. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने इसे शक्तिशाली फिल्म करार दिया और इमरान हाशमी के अभिनय की सराहना की.
फिल्म में इमरान हाशमी के साथ साई ताम्हंकर और जोया हुसैन भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म 25 अप्रैल 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी और अब अमेज़न प्राइम वीडियो पर भी उपलब्ध है.

इमरान हाशमी की एक्टिंग को मिली आलोचना
जहां कुछ दर्शकों ने इमरान हाशमी की फिल्म “ग्राउंड जीरो” की सराहना की, वहीं कुछ लोगों को यह फिल्म बिल्कुल भी पसंद नहीं आई. फिल्म में इमरान हाशमी का अभिनय कई लोगों को कमजोर लगा. बीएसएफ अफसर के किरदार के लिए जो कद और काठी जरूरी थी, वह इमरान हाशमी में नजर नहीं आई. इसके परिणामस्वरूप वह एक बीएसएफ कमांडेंट के किरदार में जनता की सहानुभूतियों को जोड़ने में सफल नहीं हो पाए.
यह एक तारीफ करने लायक बात जरूर है कि इमरान हाशमी ने अपने करियर के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर एक अलग और चुनौतीपूर्ण किरदार निभाने का जोखिम उठाया. वह अपने हर किरदार में पूरी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन सिनेमाघरों तक दर्शकों को खींच लाने वाला करिश्मा उनकी शख्सियत में अब कहीं खोता सा नजर आता है. मुंबई के एक सिनेमाघर में शुक्रवार दोपहर बाद जब फिल्म देखी गई, तो दर्शकों की संख्या ने यह साफ कर दिया कि इमरान हाशमी की फिल्म के लिए टिकट खिड़की पर अच्छा प्रदर्शन नहीं हो पा रहा है.
कश्मीर घाटी में शुरू हुआ ‘ग्राउंड जीरो’ मिशन
बताया जाता है कि 2001 में भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा देशभर में कई विशेष अभियान चलाए गए. इस हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के खतरनाक आतंकी गाजी बाबा का हाथ था. उसके नेटवर्क को तोड़ने के उद्देश्य से जुलाई 2003 में कश्मीर घाटी में ‘ग्राउंड जीरो’ नामक एक महत्वपूर्ण मिशन शुरू किया गया. इस मिशन का नेतृत्व बीएसएफ कमांडेंट नरेंद्र नाथ धर दुबे ने किया था. उन्हीं की बहादुरी और इस ऐतिहासिक मिशन पर आधारित है इमरान हाशमी की फिल्म “ग्राउंड जीरो”.