India-France Deal : भारत और पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच भारत और फ्रांस सोमवार यानी 28 अप्रैल के दिन 26 राफेल-एम लड़ाकू जेट की 63 हजार करोड़ की डील पर मुहर लगेगी.
India-France Deal : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले के चलते भारत और पाकिस्तान में तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है. ऐसे में आज यानी 28 अप्रैल भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल-एम लड़ाकू जेट की 63 हजार करोड़ की डील पर हस्ताक्षर करेंगे. इस बीच भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारी और फ्रांस के राजदूत हस्ताक्षर समारोह का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं. इस डील से भारत की सैन्य शक्तियों और भी बेहतरीन होंगी. इसे लेकर पाकिस्तान की भी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है. सूत्रों की मानें तो भारत की तरफ से रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह प्रतिनिधित्व कर सकते हैं तो वहीं, फ्रांस और भारतीय रक्षा मंत्री वर्चु्अल रूप से इसमें शामिल हो सकते हैं.
विमानों की आपूर्ति
यहां आपको बता दें कि इन लड़ाकू विमानों की पहली आपूर्ति 3.5 साल पहले से ही शुरू कर दी जाएगी जो 6.5 साल में पूरी हो जाएगी. इस डील में 22 सिंगल सीटर जेट खरीदे जाएंगे. इसके साथ ही 4, दो सीटों वाले ट्रेनर जेट पर भी डील होगी. ये राफेल-एम फाइटर जेट एर्क्रैफ्ट कैरीअर से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम होंगे. इस डील से भारतीय नौसेना की ताकत को अलग मुकाम मिलेगा. अगर इसके पहले की बात करें तो भारत पहले भी 36 राफेल लड़ाकू विमान 60 हजार करोड़ रुपये में फ्रांस से खरीद चुका है.
डील से हैं कई फायदें
आपको बता दें कि फ्रांस के साथ ये डील करने से भारतीय सेना को कई फायदें भी मिलेंगे. इनमें सिमुलेटर, पायलट-स्टॉफ को ट्रेनिंग, विमान के मरम्मत के लिए 5 साल की सेवाएं भी देगा. डील के चलते वायुसेना के 36 राफेल के मरम्मत की जिम्मेदारी भी दसॉल्ट उठाएंगे.
पीएम मोदी के अगुवाई में डाल
गौरतलब है कि ये डील प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में 9 अप्रैल को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक के दौरान मंजूरी दी गई थी. एयरफोर्स के राफेल की दो स्क्वॉड्रन अभी अंबाला और हाशीमारा एयरबेस में तैनात हैं. नए फाइटर जेट डील के बाद से भारत में राफेल की संख्या 62 तक पहुंच जाएगी.
क्या है राफेल मरीन की खासियत?
बता दें कि ये एक जोट एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई का सफर तय कर सकता है. वहीं, राफेल मरीन विमान एक मिनट में करीब 18 हजार की ऊंचाई पर जा सकता है. हालांकि, पाकिस्तान के पास जो ए-16 और चीन के पास मौजूद जे-20 विमानों से राफेल ज्यादा बेहतर हैं. ये अपने विमान की मदद से 3700 किलोमीटर दूर तक हमला कर सकते हैं.
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