Hezbollah Clashes Israeli Forces : हमास के अलावा इजराइल का हिजबुल्लाह के साथ भी संघर्ष जारी है. उग्रवादी संगठन लगातार लेबनान से इजराइली सेना को हटाने की मांग कर रहा है.
Hezbollah Clashes Israeli Forces : लेबनान के मुद्दे को लेकर उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह और इजराइली सैनिकों के बीच में संघर्ष जारी है. इसी बीच उग्रवादी संगठन ने शुक्रवार को कहा कि जब तक दक्षिणी लेबनान में इजराइली सैनिक रहेंगे और उसकी वायु सेना नियमित रूप से लेबनानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करती रहेगी तब तक उसके लड़ाके निरस्त्र नहीं होंगे. वहीं, टेलीविजन स्टेशन पर एक भाषण में हिजबुल्लाह प्रमुख कासेम ने कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता से हुए युद्ध विराम से संबंधित अपनी प्रतिबद्धताओं को लागू किया है, जिसने हिजबुल्लाह के इजराइल के साथ 14 महीने से चल रहे युद्ध को रोक दिया है.
इजराइली सेना के निशाने पर हिजबुल्लाह
आपको बताते चलें कि पिछले साल इजराइली सेना के हमले में हिजबुल्लाह के लंबे समय नेता हसन नसरल्लाह को मार गिराया गया था और उसके संगठन के उत्तराधिकारी हाशेम सफीदीन (Hashem Safieddin) और अन्य शीर्ष की मृत्यु के बाद कासेम (Kasem) ने कमान संभाल ली थी. इसी बीच कासेम का कहना है कि नवंबर के अंत में युद्ध युद्ध विराम लागू होने के बाद भी इजराइली हवाई हमलों में लेबनान (Lebanon) में नागरिकों और हिजबुल्लाह (Hezbollah) समेत कई लोग मारे गए हैं. इजराइल का कहना है कि वह दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना रहा है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने मंगलवार को कहा कि युद्ध विराम लागू होने के बाद से लेबनान में 14 महिलाओं की मौत हो गई है. इसके अलावा 9 बच्चों समेत 71 नागरिक मारे जा चुके हैं.
समझौते का हुआ उल्लंघन
वहीं, विश्व बैंक के मुताबिक हिजबुल्लाह-इजराइल युद्ध के 14 महीनों में लेबनान में 4 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं. साथ ही वहां जितना नुकसान हुआ है उसे बनाने के लिए करीब 11 बिलियन डॉलर की आवश्यकता होगी. बता दें कि युद्ध विराम का लेकर शर्त तय हुई थी कि हिजबुल्लाह को दक्षिणी लेबनान के कुछ हिस्सों से हटना था और लिटानी नदी के दक्षिण में अपने हथियार को छोड़ना था. दूसरी तरफ इजराइली सेना को वापस अपने देश में जाना था. सात ही लेबनानी सेना को हिजबुल्लाह की स्थिति पर कब्जा करना था और संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत साउथ लेबनान में शांति स्थापित करनी थी. इजराइल ने फरवरी के महीने में लेबनान से अपने ज्यादातर सैनिकों को वापस बुला लिया था, लेकिन लेबनान के अंदर अपनी पांच चौकियों को बनाया रखा… जिसके एक तरह से लेबनान में युद्ध विराम समझौते का उल्लंघन माना गया.
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