Akash Anand News: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को एक मौका देते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया है. आकाश ने निष्कासन के बाद माफी मांगते हुए उन्हें राजनीतिक गुरु बताया है.
Akash Anand News: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को 41 दिनों के बाद सार्वजनिक माफी मांगने के बाद पार्टी में शामिल कर लिया है. उन्होंने एक बार फिर पार्टी में फिर से काम करने की इच्छा जताई और कहा कि वे पार्टी हित में अपने ससुराल पक्ष की भी नहीं सुनेंगे. आकाश ने इस दौरान मायावती को राजनीतिक गुरु बताया है. वहीं, इसके बाद से मायावती ने उन्हें माफ करके पार्टी में वापस लेने का एलान किया. बता दें कि आकाश को पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से निष्कासित किया गया था.
सोशल मीडिया पर मांगी माफी
यहां बता दें कि सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए आकाश आनंद ने लिखा कि बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, यूपी की चार बार रही मुख्यमंत्री और लोकसभा व राज्यसभा की भी कई बार रही सांसद आदरणीया बहन कु. मायावती जी को मैं अपना दिल से एकमात्र राजनीतिक गुरू व आदर्श मानता हूं. आज मैं यह प्रण लेता हूं कि बहुजन समाज पार्टी के हित के लिए मैं अपने रिश्ते-नातों को और खासकर अपने ससुराल वालों को कतई भी बाधा नहीं बनने दूंगा. उन्होंने आगे लिखा कि इतना ही नहीं, बल्कि कुछ दिनों पहले किए गए अपने ट्ववीट के लिए भी माफी मांगता हूं जिसकी वजह से आदरणीया बहन जी ने मुझे पार्टी से निकाल दिया है. और आगे से इस बात को सुनिश्चित करूंगा कि मैं अपने किसी भी राजनीतिक फैसले के लिए किसी भी नाते रिश्तेदार और सलाहकार की कोई सलाह मशविरा नहीं लूंगा. वहीं, आकाश ने शाम को 5 बजकर 56 मिनट पर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म एक्स पर मायावती से मांगी. इसके करीब ढाई घंटे बाद 8 बजकर 23 मिनट पर मायावती ने एक्स पर उन्हें माफ करने का एलान कर दिया.

भविष्य के लिए आकाश हैं जरूरी
गौरतलब है कि आकाश आनंद को अपने राजनीतिक भविष्य के लिए BSP की जितनी जरूरत है, उतनी ही मायावती को भी आकाश आनंद की जरूरत है. इस तरह दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है. ऐसा इसलिए ताकि सियासी मजबूती पर और जोर पड़े. हालांकि, मायावती ये बात बखूबी जाती हैं कि पार्टी का भविष्य किसके हाथ में सुरक्षित है. वह ये जानती हैं कि उनके अलावा दलित समाज की भीड़ बसपा में जुटाने की ताकत रखता है तो वो आकाश आनंद हैं. दलित युवाओं की बीच आकाश की मजबूत पैठ है.
दलित वोटबैंक पर बढ़ेगा जोर
गौरतलब है कि आकाश आनंद के पार्टी में एक फिर आ जाने के कई मायनें निकलते हैं. कांग्रेस की नजर भी दलित समुदाय के वोट बैंक पर है. कांग्रेस ने गुजरात के अहमदाबाद अधिवेशन में जिस तरह से दलित-आदिवासी और पिछड़ों को लेकर अपने प्रस्ताव पारित किए हैं और सामाजिक न्याय के एजेंडे पर आगे बढ़ने का फैसला लिया है. वहीं, अपने समुदाय के लोगों के वोट को कांग्रेस के पक्ष में जाते देख मायावती भी असहज महसूस कर रही हैं.

दलित युवाओं को साधने की कोशिश
आकाश आनंद से मायवती ने न केवल दलित युवाओं बल्कि अपने कोर वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की है. वहीं, आकाश भी लोकसभा चुनाव के समय अपने भाषणों के चलते अपनी सियासी पहचान बनाने में कामयाब रहे थे. दलित युवाओं के बीच आकाश की लोकप्रियता बखूबी दोखी गई है. वहीं, पार्टी से निकाले जाने के बाद दलित युवाओं में मायूसी छा गई थी और उनके कांग्रेस या फिर दूसरे दलों में जाने का खतरा मंडरा रहा था.
यह भी पढ़ें: भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके ये विचार आज भी देते हैं प्रेरणा, बदल देंगे आपकी सोच