Lifestyle News: उम्र के साथ त्वचा की चमक और लचीलापन कम होना आम बात है, लेकिन कुछ विशेष पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल कर शरीर के कोलाजन स्तर को बनाए रखा जा सकता है और उम्र को चुनौती दी जा सकती है.
Lifestyle News: अगर आप 50 की उम्र पार कर चुके हैं, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है. कोलाजन की गिरती मात्रा को रोका जा सकता है- बस डाइट में बदलाव की जरूरत है. विटामिन C, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, और मिनरल्स से भरपूर फूड्स को अपने रोजमर्रा के भोजन का हिस्सा बनाएं. साथ ही, प्राकृतिक स्रोत जैसे बोन ब्रोथ को शामिल करके कोलाजन का स्तर बरकरार रखें. इससे न सिर्फ आपकी त्वचा यंग और ग्लोइंग दिखेगी, बल्कि हड्डियों और जोड़ों की मजबूती भी बनी रहेगी. याद रखें – खूबसूरती और सेहत के लिए उम्र सिर्फ एक संख्या है, असली ताकत आपके खानपान में छिपी है.
उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की झुर्रियां और ढीलापन बढ़ता है, लेकिन कुछ खास फूड्स की मदद से कोलाजन का स्तर बनाए रखा जा सकता है. कोलाजन एक तरह का प्रोटीन है जो त्वचा, हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूती देता है. उम्र बढ़ने के साथ इसका उत्पादन धीरे-धीरे कम होने लगता है, जिससे त्वचा ढीली पड़ने लगती है और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याएं शुरू हो सकती हैं. लेकिन अच्छी बात ये है कि डाइट में कुछ पोषक तत्वों को शामिल कर इस गिरावट को रोका जा सकता है.
क्या है कोलाजन और क्यों है जरूरी?
कोलाजन हमारे शरीर का सबसे अधिक मात्रा में पाया जाने वाला प्रोटीन है, जो त्वचा, बाल, नाखून, हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों की संरचना और मजबूती बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 30 की उम्र के बाद शरीर में कोलाजन का उत्पादन धीरे-धीरे घटने लगता है, और 50 की उम्र के बाद यह गिरावट अधिक स्पष्ट हो जाती है. इसका असर त्वचा पर झुर्रियों, ढीलापन, और जोड़ों में अकड़न व दर्द के रूप में नजर आता है. लेकिन चिंता की बात नहीं है, क्योंकि सही खानपान से इस प्राकृतिक प्रक्रिया को काफी हद तक धीमा किया जा सकता है. कोलाजन-सपोर्टिव डाइट अपनाकर आप लंबे समय तक अपनी त्वचा और स्वास्थ्य को जवां बनाए रख सकते हैं.
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विटामिन C युक्त फल और सब्जियां

विटामिन C कोलाजन के उत्पादन में एक आवश्यक सहायक की भूमिका निभाता है. यह न केवल कोलाजन सिंथेसिस में मदद करता है बल्कि शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से लड़कर त्वचा को नुकसान से भी बचाता है। आंवला, संतरा, नींबू, अमरूद, पपीता, कीवी और ब्रोकली जैसे खाद्य पदार्थ विटामिन C के प्रमुख स्रोत हैं. अगर आप इन फलों को रोजाना अपनी डाइट में शामिल करते हैं, तो आपकी त्वचा प्राकृतिक रूप से ग्लो करेगी और कोलाजन की मात्रा संतुलित बनी रहेगी। विटामिन C की नियमित खपत आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है, जिससे त्वचा जल्दी बूढ़ी नहीं दिखती.
प्रोटीन और अमीनो एसिड से भरपूर भोजन
कोलाजन एक प्रोटीन है, जिसे बनाने के लिए शरीर को विशिष्ट अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है जैसे कि ग्लाइसिन, प्रोलिन और हायड्रॉक्सिप्रोलिन. ये अमीनो एसिड प्रोटीन युक्त भोजन से प्राप्त किए जा सकते हैं. अंडा, चिकन, मछली, दूध, दही, पनीर, दालें और सोया प्रोडक्ट्स इस श्रेणी में आते हैं. यदि आप शाकाहारी हैं तो दालें, काले चने, राजमा और मूंगफली जैसे विकल्प भी बेहतरीन हैं. प्रोटीन का नियमित सेवन त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत करता है और उम्र के प्रभाव को कम करता है.
एंटीऑक्सीडेंट्स वाले फूड्स

एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं, जो कोलाजन के टूटने का एक बड़ा कारण है. ये तत्व त्वचा की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स के हानिकारक प्रभाव से सुरक्षित रखते हैं. पालक, मेथी, ग्रीन टी, टमाटर, चुकंदर, गाजर, अंगूर, और ब्लूबेरी जैसे खाद्य पदार्थों में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. यदि आप नियमित रूप से इनका सेवन करते हैं तो आपकी त्वचा लंबे समय तक टाइट और यंग बनी रह सकती है. साथ ही, ये खाद्य पदार्थ त्वचा की रंगत सुधारने और दाग-धब्बों को कम करने में भी मदद करते हैं.
जिंक और कॉपर जैसे मिनरल्स
कोलाजन निर्माण में जिंक और कॉपर जैसे खनिज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जिंक त्वचा की मरम्मत और नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है, जबकि कॉपर कोलाजन और इलास्टिन दोनों के उत्पादन में भागीदार होता है. इन मिनरल्स की पूर्ति के लिए अपनी डाइट में कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, काजू, बादाम, तिल, और साबुत अनाज को शामिल करें. आप चाहें तो मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स से भी इन्हें ले सकते हैं, लेकिन नेचुरल स्रोत अधिक फायदेमंद और सुरक्षित माने जाते हैं.
बोन ब्रोथ और जिलेटिन युक्त फूड्स
बोन ब्रोथ यानी हड्डियों को धीमी आंच पर पकाकर बनाया गया सूप, कोलाजन का प्राकृतिक और शक्तिशाली स्रोत है. यह हड्डियों, त्वचा और मांसपेशियों के लिए जरूरी अमीनो एसिड्स से भरपूर होता है. यह शरीर में पहले से मौजूद कोलाजन को बनाए रखने और नए कोलाजन के निर्माण को बढ़ावा देता है. जिलेटिन, जोकि बोन ब्रोथ के ठंडा होने पर बनने वाली जेली में पाया जाता है, भी कोलाजन के लिए लाभकारी है। हफ्ते में 2–3 बार बोन ब्रोथ पीने से जोड़ों का दर्द कम होता है और त्वचा में कसावट बनी रहती है.
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