Home Latest ‘स्वेच्छा से शामिल हुई…’ POCSO एक्ट में बंद आरोपी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत

‘स्वेच्छा से शामिल हुई…’ POCSO एक्ट में बंद आरोपी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत

by Sachin Kumar
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Bombay HC grants bail man booked raping 15 year old girl

Bombay High Court News : न्यायमूर्ति मिलिंद एन जाधव की एकल पीठ ने 9 अप्रैल, 2025 को IPC और POCSO के प्रावधानों के तहत नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म मामले में एक 25 वर्षीय आरोपी को जमानत दे दी.

Bombay High Court News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक नाबालिग 15 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोपी को जमानत दे दी. कोर्ट ने यह देखते हुए जमानत दी है कि मौजूदा तथ्यों से पता चलता है कि लड़की को सबकुछ पता था कि उसके साथ क्या होने वाला है और उसके बाद भी वह कई दिनों तक लड़के से स्वेच्छा के साथ रिलेशनशिप में आई थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में उसके परिवार को भी सबकुछ मालूम था. अदालत ने कहा कि व्यक्ति 3 साल और 11 महीने से जेल में बंद है और आने वाले समय में साफ दिखाई नहीं देता कि इस मामले में कोई फैसला आ सकता है. इसलिए आरोपी को जेल से जमानत पर रिहा कर दिया.

कई महीनों से साथ में रह रही थी नाबालिग

न्यायमूर्ति मिलिंद एन जाधव (Justice Milind N Jadhav) की एकल पीठ ने 9 अप्रैल, 2025 को भारतीय दंड संहिता (IPC) और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) के प्रावधानों के तहत नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म मामले में एक 25 वर्षीय आरोपी को जमानत दे दी. साथ ही इस मामले में उसे साल 2021 में गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने यह भी कहा कि इस मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस जाधव ने कहा कि इस पूरे मामले के तथ्य बताते हैं कि लड़की को सब पता था कि वह किसके साथ संबंध बना रही है और पीड़िता उन सब कार्यों को समझती है. साथ ही उस आरोपी के साथ भी कई महीनों से रह रही थी.

POCSO के तहत मामला दर्ज

जब यह घटना हुई उस दौरान लड़की उम्र 14 वर्षी थी और लड़का करीब 21 साल का था. वहीं, पॉक्सो एक्ट के तहत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की की सहमति नहीं होती है, लेकिन विशेष परिस्थिति को देखते हुए जज ने अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल करते हुए जमानत देने का फैसला किया. फिलहाल आरोपी न्यायिक हिरासत में नहीं रहेगा लेकिन उसके ऊपर ट्रायल चलता रहेगा. बता दें कि यह मामला साल 2019 का है जब लड़की आरोपी के साथ चली गई थी और इसकी जानकारी नाबालिग ने अपने माता-पिता को भी नहीं दी थी. वहीं, पीड़िता के पिता ने डीएन नगर पुलिस स्टेशन लापता होने की शिकायत लिखवा दी थी.

हाई कोर्ट ने दी 3 साल बाद जमानत

शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी लड़की 19 नवंबर, 2019 से लापता है और रिपोर्ट्स की माने तो लड़की काफी समय पहले ही लड़के गांव जाकर वहां पर रह रही थी. इस दौरान लड़की गर्भवती हो गई और आरोपी ने शादी करने से इंकार कर दिया. इसी बीच पीड़िता ने इसकी जानकारी अपने पिता को दे दी. फिर लड़की के पिता ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज करवा दिया. पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया और उसके बाद कोरोना के समय साल 2020 में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. उसके बाद से आरोपी जेल में बंद था और अब जाकर हाई कोर्ट ने उसे जमानत पर जेल से रिहा कर दिया.

यह भी पढ़ें- सरकारी कर्मचारियों को मिले समय पर न्याय, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की भूमिका महत्वपूर्णः CM योगी

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