अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए भारत ने फ्रांस के साथ मेगा डील किया है. भारत फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमान खरीदेगा. भारतीय नौसेना को 22 सिंगल और चार ट्विन-सीटर विमान मिलेंगे.
New Delhi: सरकार ने बुधवार को फ्रांस से करीब 64,000 करोड़ रुपये की लागत से नौसेना के लिए 26 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी. रक्षा सूत्रों ने ये जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि इस खरीद परियोजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) ने मंजूरी दे दी है.
जुलाई 2023 में, रक्षा मंत्रालय ने मुख्य रूप से स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस ‘विक्रांत’ पर तैनाती के लिए फ्रांस से 26 राफेल-एम (मरीन) जेट खरीदने को मंजूरी दी थी.मंत्रालय ने फ्रांस से तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को भी मंजूरी दे दी थी. हालांकि, सीसीएस ने अभी तक इस परियोजना को मंजूरी नहीं दी है.
भारतीय नौसेना की ‘परियोजना 75’ के तहत, फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा भारत में पहले ही छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा चुका है। हथियार प्रणालियों और कल-पुर्जों सहित संबंधित सहायक उपकरणों के साथ राफेल (एम) जेट की खरीद एक अंतर-सरकारी समझौते पर आधारित होगी. अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए भारत ने फ्रांस के साथ मेगा डील किया है. भारत फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमान खरीदेगा.
भारत ने फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विुमान खरीदने के लिए मेगा डील को मंजूरी दे दी है. इस सौदे के तहत करीब 63 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. भारतीय नौसेना की क्षमता में इजाफा होने जा रहा है. इसके लिए भारतीय नौसेना के लिए फ्रांस के साथ 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान के लिए एक महत्वपूर्ण सौदे को मंजूरी दे दी गई है.
भारतीय नौसेना को मिलेंगे 22 सिंगल और चार ट्विन-सीटर विमान
भारत-फ्रांस की सरकारों के बीच हुए इस सौदे के तहत करीब 63 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. 63 हजार करोड़ रुपए से अधिक के इस सरकारी सौदे पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. इस सौदे के तहत भारतीय नौसेना को 22 सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर विमान मिलेंगे. यह सौदा भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों की क्षमताओं को भी अपग्रेड करने में मदद करेगा. राफेल-एम जेट को भारतीय नौसेना के विमानों के बेड़े में शामिल किया जाएगा.
राफेल-एम जेट फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन कंपनी की ओर से तैयार किए गए हैं. जो भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों की तरह अत्याधुनिक तकनीक और क्षमता से लैस होंगे. यह विमान भारतीय नौसेना के लिए एक गेम-चेंजर साबित होंगे, जो समुद्र में संचालन की क्षमता को बढ़ाएंगे. इन जेट का इस्तेमाल विमानवाहक पोत पर भी किया जाएगा, जिससे भारतीय नौसेना की सामरिक ताकत में काफी इजाफा होगा.
यह सौदा केवल रक्षा क्षेत्र के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह भारतीय सामरिक ताकत को भी एक नई दिशा देगा. इससे न केवल वायुसेना और नौसेना की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि यह चीन और पाकिस्तान जैसी ताकतों के खिलाफ भी भारत को रणनीतिक बढ़त प्रदान करेगा.
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