Golden vs Labrador: गोल्डन और लैब्राडोर रिट्रीवर दोनों ही शानदार, वफादार और समझदार नस्लें हैं. सही चुनाव आपकी जीवनशैली, समय और पालतू की देखभाल के प्रति आपकी जिम्मेदारी पर निर्भर करता है.
Golden vs Labrador: अगर आप एक वफादार, समझदार और मिलनसार पालतू की तलाश में हैं, तो संभवतः आपके ज़हन में दो नाम सबसे पहले आते होंगे — गोल्डन रिट्रीवर और लैब्राडोर रिट्रीवर. दोनों ही नस्लें दुनियाभर में लाखों परिवारों की पहली पसंद हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दोनों में असल अंतर क्या है और कौन-सा कुत्ता आपके परिवार के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है?
गोल्डन की शांति या लैब्राडोर की चंचलता

गोल्डन रिट्रीवर अपने कोमल और सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. बच्चों के साथ इनकी सहजता, धैर्य और शांति इन्हें एक परफेक्ट फैमिली डॉग बनाती है. ये जल्दी घुलमिल जाते हैं और हर उम्र के इंसानों से अच्छी तरह तालमेल बिठाते हैं. दूसरी ओर, लैब्राडोर रिट्रीवर ऊर्जा से भरपूर, चंचल और बेहद वफादार होते हैं. ये नई चीजें जल्दी सीखते हैं और आमतौर पर ज़्यादा एक्टिव रहते हैं. यदि आपके घर में खेलने-कूदने वाले बच्चे हैं या आप एक एक्टिव लाइफस्टाइल जीते हैं, तो लैब्राडोर आपके लिए अच्छा साथी बन सकता है.
देखभाल में फर्क

गोल्डन रिट्रीवर की लंबी, मुलायम और चमकदार सुनहरी फर इन्हें एक आकर्षक रूप देती है, लेकिन इसके लिए नियमित ब्रशिंग और ग्रूमिंग की जरूरत होती है. अगर समय पर देखभाल न की जाए, तो इनकी फर उलझ सकती है और झड़ भी सकती है. वहीं लैब्राडोर की फर छोटी और घनी होती है, जो पानी प्रतिरोधी होती है. इन्हें साफ-सुथरा रखना अपेक्षाकृत आसान है और ग्रूमिंग की आवश्यकता कम होती है. यह नस्ल उन लोगों के लिए अधिक उपयुक्त है जो अधिक समय ग्रूमिंग में नहीं दे सकते.
एक्सरसाइज़ की ज़रूरतें

गोल्डन रिट्रीवर को हर दिन पर्याप्त व्यायाम और मानसिक उत्तेजना की जरूरत होती है. लंबी वॉक, इंटेलिजेंट गेम्स और हल्की ट्रेनिंग इनके लिए ज़रूरी हैं. लैब्राडोर का ऊर्जा स्तर गोल्डन से अधिक होता है। उसे तैराकी, दौड़ और बाहर की गतिविधियों में हिस्सा लेना पसंद है. यदि उसे पर्याप्त व्यायाम न मिले, तो वह बोर होकर घर में चीजें चबाने या उधम मचाने जैसा व्यवहार कर सकता है.
स्वास्थ्य और आयु

स्वास्थ्य के लिहाज से, गोल्डन रिट्रीवर में हिप डिस्प्लेसिया, स्किन एलर्जी और आंखों से जुड़ी समस्याएं आम होती हैं. इनकी औसतन उम्र 10 से 12 साल होती है. लैब्राडोर में भी हिप डिस्प्लेसिया की संभावना होती है, लेकिन मोटापे की समस्या सबसे आम है. इन्हें नियंत्रित आहार और नियमित एक्सरसाइज़ देना बेहद जरूरी होता है ताकि ये फिट रहें और लंबी उम्र जिएं.
आपके लिए सही कौन?

अगर आप एक शांत, स्नेही और संयमित साथी की तलाश में हैं, जो बच्चों के साथ आसानी से घुलमिल जाए, तो गोल्डन रिट्रीवर आपके लिए आदर्श रहेगा. वहीं अगर आप ज़्यादा सक्रिय हैं और एक ऊर्जावान, ट्रेनिंग में स्मार्ट और खेलने के शौकीन कुत्ते की तलाश में हैं, तो लैब्राडोर रिट्रीवर आपके जीवन में जान फूंक सकता है.
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