Home Latest अक्षय तृतीया पर दिल्ली में 21 हजार शादियां, व्यापारियों को एक हजार करोड़ के कारोबार की उम्मीद

अक्षय तृतीया पर दिल्ली में 21 हजार शादियां, व्यापारियों को एक हजार करोड़ के कारोबार की उम्मीद

by Sanjay Kumar Srivastava
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21 Thousand marriages in Delhi on Akshaya Tritiya

सीटीआई के महासचिव और स्वर्ण व्यापारी गुरमीत अरोड़ा ने कहा कि अकेले सोने और चांदी के व्यापार से करीब 200 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है.

New Delhi: दिल्ली में शादी-संबंधी कारोबार एक दिन में एक हजार करोड़ रुपये को पार कर जाने की उम्मीद है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में अक्षय तृतीया के दिन करीब 21 हजार शादियां हो रही हैं. अक्षय तृतीया हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक शुभ दिन है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला अक्षय तृतीया इस वर्ष बुधवार को है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के अनुसार, यह शादी के मौसम के चरम दिनों में से एक है, जिससे बैंक्वेट हॉल, होटल, कैटरर्स, सैलून, डेकोरेटर, इवेंट मैनेजर और ऑर्केस्ट्रा सहित कई तरह के व्यवसायों को लाभ होता है.

बैंक्वेट हॉल और होटलों के दाम करीब 15 फीसदी बढ़े

सीटीआई ने अनुमान लगाया है कि बुधवार को दिल्ली में शादी-संबंधी कुल कारोबार एक हजार करोड़ रुपये को पार कर सकता है. सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि उच्च मांग के कारण बैंक्वेट हॉल और होटलों की दरों में 10-15 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. सीटीआई के महासचिव और स्वर्ण व्यापारी गुरमीत अरोड़ा ने कहा कि अकेले सोने और चांदी के व्यापार से करीब 200 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है. हालांकि, सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के कारण खरीदार हल्के वजन के आभूषणों में अधिक रुचि दिखा रहे हैं.

महंगे होने के कारण छोटे व हल्के सोने के आभूषण बनवा रहे ग्राहक

अरोड़ा ने कहा कि सोने की कीमत में काफी वृद्धि हुई है. पिछले साल अक्षय तृतीया पर 73,500 रुपये की तुलना में इस समय दस ग्राम सोने की कीमत करीब 97,000 रुपये है. नतीजतन, व्यापारी ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए छोटे, हल्के सोने और हीरे के आभूषणों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. अनुमान है कि परिवार अपने शादी के बजट का करीब 10 प्रतिशत कपड़ों पर, 15 प्रतिशत आभूषणों पर और 5 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक्स, मिठाइयों और सूखे मेवों पर खर्च करते हैं. सीटीआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग के अनुसार, उपहार वस्तुओं पर व्यय का हिस्सा लगभग 4 प्रतिशत है.

उन्होंने कहा कि सेवा श्रेणी में, बजट का 5 प्रतिशत आम तौर पर बैंक्वेट हॉल और होटलों पर खर्च होता है, 3 प्रतिशत प्रबंधन पर, 10 प्रतिशत टेंट और सजावट सेवाओं पर तथा 10 प्रतिशत खानपान जैसी अन्य सेवाओं पर खर्च होता है. उन्होंने कहा कि फूलों की सजावट पर कुल व्यय का 4 प्रतिशत खर्च होता है, जबकि परिवहन, फोटोग्राफी और संगीत से संबंधित सेवाओं पर कुल मिलाकर लगभग 15 प्रतिशत खर्च होता है.

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