कैंसर शब्द लोगों को डराता है. उन्हें भावनात्मक और आर्थिक रूप से तोड़ता है. हम कम से कम समय पर हस्तक्षेप कर सकते हैं और सक्रिय रणनीति बनाकर रोगियों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं.
Chhatrapati Sambhajinagar: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने रविवार को कहा कि भारत सरकार ने कैंसर के उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.पिछले आठ वर्षों में उच्चस्तरीय उपचार के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.इसी सिलसिले में कैंसर संस्थानों को अति आधुनिक किया जा रहा है. जिससे किसी के इलाज में कोई दिक्कत न हो. कैंसर संस्थानों को अति आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है ताकि सटीक इलाज हो सके. वे यहां स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में ट्रूबीम सुविधा (रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में इस्तेमाल होने वाला लीनियर एक्सीलेटर) का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे.
सक्रिय रणनीति बनाकर रोगियों के जीवन को बना सकते हैं बेहतरः नड्डा
उन्होंने कहा कि हमने जांच और पता लगाने के लिए अपने बेसलाइन को बढ़ाया है. आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) में मौखिक, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जांच की गई है. गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिए 9 करोड़ से अधिक लोगों की जांच की गई और 96,973 लोगों में इसका पता चला. नड्डा ने कहा, “ट्रूबीम सुविधा यहां उच्च स्तरीय उपचार उपलब्ध कराने में मदद करेगी. हमारी सरकार कैंसर से आक्रामक तरीके से लड़ रही है. कैंसर शब्द लोगों को डराता है, उन्हें भावनात्मक और आर्थिक रूप से तोड़ता है. हम कम से कम समय पर हस्तक्षेप कर सकते हैं और सक्रिय रणनीति बनाकर रोगियों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं.
केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को रेखांकित करते हुए नड्डा ने कहा कि 20 राज्य कैंसर संस्थान (एससीआई) और समान संख्या में तृतीयक देखभाल कैंसर संस्थान (टीसीसीसी) स्थापित किए गए हैं, जिनमें महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में छत्रपति संभाजीनगर और लातूर शामिल है. उन्होंने कहा, “पिछले आठ वर्षों में, हमने उच्च स्तरीय उपचार के लिए तीन हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. कैंसर हमारी सरकार के तहत एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र बन गया है. इसे पहले नजरअंदाज किया जाता था.
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प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना से लोगों को मिल रही मदद
नड्डा ने कहा, “प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लोगों को कैंसर के इलाज में मदद कर रही है. पीएमजेएवाई योजना में 1960 सर्जिकल हस्तक्षेपों में हस्तक्षेप की गुंजाइश है, जिनमें से 219 कैंसर से संबंधित हैं. इससे गरीबों को फायदा हो रहा है. अब तक इस योजना के जरिए 68.43 लाख अस्पताल में भर्ती हुए हैं. सरकार ने उपरोक्त पैकेजों पर 13160 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. नड्डा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार कैंसर से लड़ने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि देश में 90 प्रतिशत लोग अब बीमारी का पता लगने के 30 दिनों के भीतर इलाज करवा रहे हैं.
कैंसर से लड़ने को सरकार शुरू करेगी 200 डे केयर संस्थान
उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार कैंसर के लिए 200 डे केयर संस्थान शुरू करेगी, जिनमें से बड़ी संख्या महाराष्ट्र में होगी. केंद्र मेडिकल कॉलेजों के साथ 100 नर्सिंग कॉलेज शुरू करेगा. राज्य के 11 कॉलेजों में मेडिकल सीटों की संख्या में 700 की वृद्धि हुई है. इन सबके लिए बजट मोदी सरकार के लिए कोई समस्या नहीं है.इस अवसर पर बोलते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि यहां शुरू की गई ट्रूबीम सुविधा राज्य में पहली है. उन्होंने कहा, “पहले मराठवाड़ा के लोगों को इलाज के लिए मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल जाना पड़ता था. ट्रूबीम मशीन सुनिश्चित करेगी कि उन्हें यहीं उच्च स्तरीय इलाज मिल सके. यहां पीईटी (पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी) स्कैन को भी मंजूरी दी गई है.
खानपान और खराब जीवनशैली के कारण फैल रहा रोगः सीएम फडणवीस
मुख्यमंत्री ने कहा, “खानपान और जीवनशैली की आदतों के कारण कैंसर फैल रहा है. हम कैंसर से लड़ने के लिए दो तरीके अपना रहे हैं. हम मरीजों का इलाज कर रहे हैं और बड़ी संख्या में लोगों की जांच कर रहे हैं. फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए पांच हजार करोड़ रुपये के ऋण की व्यवस्था की है. मेडिकल कॉलेजों पर दबाव कम करने के लिए स्वतंत्र सिविल अस्पताल स्थापित किए जाएंगे. अगले तीन वर्षों में राज्य में एक नई तीन-स्तरीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली शुरू की जाएगी.
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