आयोग ने मतदाता सूचना पर्ची (Voter Information Slip) को और अधिक स्पष्ट और सुविधाजनक बनाने के लिए उसके डिजाइन में संशोधन का निर्णय लिया है.
Ranchi : भारत निर्वाचन आयोग ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, विश्वसनीय और मतदाता-केंद्रित बनाने के लिए तीन महत्वपूर्ण नई पहल की हैं. ये पहल मतदाता सूची की शुद्धता बढ़ाने, बीएलओ की पहचान को सशक्त करने और मतदाता सूचना पर्ची को अधिक उपयोगी बनाने से संबंधित है.
मृत्यु पंजीकरण डेटा का इलेक्ट्रॉनिक उपयोग
अब भारत निर्वाचन आयोग भारत के महापंजीयक से मृत्यु पंजीकरण का डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्राप्त करेगा. यह कदम मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 9 और जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (संशोधित 2023) की धारा 3(5)(बी) के अनुरूप है। इससे ERO (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) को पंजीकृत मौतों की जानकारी समय पर मिल सकेगी, और बीएलओ बिना फॉर्म 7 की प्रतीक्षा किए, फील्ड में जाकर उस जानकारी को सत्यापित कर सकेंगे.
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बीएलओ को मिलेगा मानक फोटो पहचान पत्र
लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13बी(2) के तहत अब सभी बीएलओ को आयोग द्वारा मानकीकृत फोटो पहचान पत्र जारी किए जाएंगे. इसका उद्देश्य है कि नागरिक घर-घर सत्यापन और पंजीकरण के दौरान बीएलओ की पहचान कर सकें और उनके साथ विश्वासपूर्वक संवाद कर सकें. चुनावी प्रक्रिया में बीएलओ नागरिकों के पहले संपर्क बिंदु होते हैं, ऐसे में यह पहल पारदर्शिता और सुरक्षा—दोनों के लिए महत्वपूर्ण है.
मतदाता सूचना पर्ची में उपयोगकर्ता अनुकूल बदलाव
आयोग ने मतदाता सूचना पर्ची (Voter Information Slip) को और अधिक स्पष्ट और सुविधाजनक बनाने के लिए उसके डिजाइन में संशोधन का निर्णय लिया है. अब पर्ची में क्रम संख्या और भाग संख्या बड़े फ़ॉन्ट में प्रदर्शित की जाएंगी, जिससे मतदाताओं को अपने मतदान केंद्र की पहचान करना सरल होगा. साथ ही, मतदान अधिकारियों के लिए मतदाता सूची में नाम ढूंढना भी आसान होगा. मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में हुई सीईओ सम्मेलन में इन पहलों की घोषणा की गई थी.
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