नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को दंडित नहीं करना चाहती. लेकिन हमारे किसान भाइयों को अपने छोटे-छोटे फायदे के लिए बड़ा नुकसान नहीं उठाना चाहिए.
Bhopal: मध्य प्रदेश सरकार पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त रुख अपनाएगी. यदि कोई किसान पराली जलाते हुए पाया जाएगा तो उसे खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.ऐसे किसानों की सम्मान निधि एक साल के लिए रोक दी जाएगी.साथ ही एमएसपी पर भी किसानों की अनाज नहीं खरीदी जाएगी.सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे खेत में पराली नहीं जलाएं. कोई किसान पराली जलाएंगे तो उनकी किसान सम्मान निधि 1 साल के लिए रोक दी जाएगी, साथ ही उनके उत्पादन को एमएसपी पर नहीं खरीदा जाएगा.
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मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में मंगलवार को यह फैसला लिया गया है. बता दें कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत साल में छह हजार रुपये तीन किस्तों में मिलते हैं. मध्य प्रदेश सरकार के निर्णय के मुताबिक, किसान यदि पराली जलाते हैं,तो उनको पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली छह हजार की रकम नहीं मिलेगी. सरकार ने सूबे में एक से 30 मई तक स्थानान्तरण पर लगी रोक को भी हटा दी है.कैबिनेट में हुए फैसलों की जानकारी प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी है. उन्होंने कहा कि सरकार पराली जलाने वाले किसानों को किसान सम्मान निधि योजना के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता को निलंबित करेगी और उनकी उपज एक साल तक एमएसपी के हिसाब से नहीं खरीदी जाएगी.
पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी था यह फैसलाः कैलाश विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को दंडित नहीं करना चाहती. लेकिन हमारे किसान भाइयों को अपने छोटे-छोटे फायदे के लिए बड़ा नुकसान नहीं उठाना चाहिए, क्योंकि अगर पर्यावरण प्रभावित हुआ तो उनके अपने बच्चे भी इसका खामियाजा भुगतेंगे. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए यह फैसला जरूरी था. मालम हो कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ वही ले सकता है, जिसके नाम पर कृषि जमीन है. सरकार का मानना है कि पराला पर रोक लगाना पर्यावरण के लिए जरूरी था.नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम थोड़े से फायदे के लिए पर्यावरण को प्रदूषित नहीं होने देंगे. यदि पर्यावरण प्रदूषित होता है तो इसका खामियाजा लोग भुगतेंगे.
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