America-China Tariff War : दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध ने ग्लोबल मार्केट के पूरी तरह से हिलाकर रख दिया है. अर्थशास्त्री अब मंदी आने की शंका जताने लग गए हैं.
America-China Tariff War : अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार (Tariff War) चल रहा है और इसकी वजह से दोनों देशों के लोगों को महंगी वस्तुएं लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इसी बीच अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्था पर भी खतरा मंडरा रहा है. अमेरिकी व्यवसायियों ने चीन से अपने ऑर्डर रद्द करना शुरू कर दिया है और विस्तार योजनाओं को भी स्थगित कर रहे हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से आयात वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने के बाद अमेरिका में दुकानदार की अलमारी में महंगा सामान मिलने लगा है. बताया जा रहा है कि अमेरिकी उपभोक्ता 5 वर्ष पहले कोविड-19 के बाद से सबसे बड़ी निराशा में हैं और अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मंदी का खतरा बढ़ रहा है. वाणिज्य विभाग द्वारा पहली तिमाही की आर्थिक वृद्धि जारी की जाने के बाद उसमें अनुमान लगाया कि भारी नुकसान की उम्मीद है.
टैरिफ वार से ग्लोबल मार्केट हिला
इसी बीच खबर यह है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध ने ग्लोबल मार्केट के पूरी तरह से हिलाकर रख दिया है. अर्थशास्त्री अब मंदी आने की शंका जताने में लग गए हैं. लॉस एंजिल्स बंदरगाह के कार्यकारी निदेशक जीन सेरोका ने गुरुवार को कहा कि दो सप्ताह के भीतर बंदरगाह पर आने वाले माल में करीब 35 फीसदी तक गिरावट आ सकती है. उन्होंने आगे कहा कि यह इसलिए हो सकता है कि खुदरा विक्रेताओं और निर्माताओं के लिए चीन से बाहर जाने वाले सभी शिपमेंट बंद हो गए हैं. सेरोका ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया से आने वाला माल भी अभी सामान्य टैरिफ से थोड़ा ज्यादा है और यही कारण है कि वहां से भी सामान कम आ रहा है.
चीन में लोगों के रोजगार को खतरा
वहीं, साउथ मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने के बाद वहां पर नौकरी का खतरा बढ़ गया और चीन में करीब 1.6 करोड़ लोग बेरोजगार हो सकते हैं. खासकर खुदरा और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में चीनी लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है. इसके अलावा अगर चीन और अमेरिका के बीच में टैरिफ वार जारी रहता है तो चीनी निर्यात में भारी कमी देखी जा सकती है और इसका असर सीधे तौर पर श्रम पर भी देखने को मिल सकता है. साथ ही अमेरिकी बैंक ने यह भी कह दिया कि एक-चौथाई नौकरी थोक और खुदरा बाजार से जुड़ी हुई है. दूसरी तरफ कम्युनिकेशन इक्युप्मेंट, केमिकल प्रोडक्ट्स और टेक्सटाइल के सेकटर्स में अमेरिकी बाजार पर अत्यधिक निर्भरता की वजह से असर पड़ सकता है.
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