कोर्ट ने कहा कि जब तक पेड़ों की कटाई की बहुत अधिक आवश्यकता न हो. वास्तविक पेड़ों की कटाई तभी की जा सकती है, जब वनीकरण सहित अन्य सभी शर्तों का अनुपालन किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिना उसकी अनुमति के 5 किलोमीटर के भीतर पेड़ों की कटाई न हो. सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के आगरा में ताजमहल के 5 किलोमीटर के हवाई अंतर के भीतर पेड़ों की कटाई को बिना उसकी अनुमति के न करने के अपने 2015 के निर्देश को दोहराया.
समिति की सिफारिश पर पेड़ों की कटाई पर कोर्ट करेगी विचार
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि ऐतिहासिक स्मारक के 5 किलोमीटर की दूरी से परे टीटीजेड के भीतर के क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई तभी होगी, जब केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति के प्रभागीय वन अधिकारी अनुमति देंगे. कोर्ट ने कहा कि जब तक पेड़ों की कटाई की बहुत अधिक आवश्यकता न हो. प्रभागीय वन अधिकारी को यह बताना होगा कि पेड़ों की कटाई तभी की जा सकती है, जब उसके बदले उतने ही पेड़ लगाए जाएं साथ ही अन्य सभी शर्तों का अनुपालन किया जाए.
अदालत ने पूछा- क्या आगरा किला और फतेहपुर सीकरी की सुरक्षा के लिए कोई अतिरिक्त प्रतिबंध लगे
पीठ ने कहा कि हम यह स्पष्ट करते हैं कि अपवाद केवल तभी लागू होगा जब पेड़ों को गिराने की बहुत आवश्यकता हो, इस अर्थ में कि अगर पेड़ों को गिराने की कार्रवाई तुरंत नहीं की जाती है, तो मानव जीवन के नुकसान की आशंका हो सकती है. अदालत ने सीईसी से एक रिपोर्ट भी मांगी है जिसमें यह बताया गया हो कि क्या आगरा किला और फतेहपुर सीकरी नामक दो अन्य विश्व धरोहर संरचनाओं की सुरक्षा के लिए कोई अतिरिक्त प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.
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