दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. CBI ने आप के पूर्व विधायक और पार्टी के गुजरात चुनाव सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के खिलाफ FIR दर्ज किया है. इसी सिलसिले में CBI ने गुरुवार को पाठक के परिसरों की तलाशी ली. पाठक पर यह कार्रवाई अपनी पार्टी के लिए विदेशी चंदा प्राप्त करने के आरोप में की गई है.
New Delhi: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. CBI ने आप के पूर्व विधायक और पार्टी के गुजरात चुनाव सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के खिलाफ FIR दर्ज किया है. इसी सिलसिले में CBI ने गुरुवार को पाठक के परिसरों की तलाशी ली. पाठक पर यह कार्रवाई अपनी पार्टी के लिए विदेशी चंदा प्राप्त करने के आरोप में की गई है. पाठक के अलावा एजेंसी ने मामले में पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी कपिल भारद्वाज के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. गृह मंत्रालय की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पार्टी ने प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए विदेशी दान प्राप्त किया है.

गुजरात में बढ़ती पार्टी की लोकप्रियता के कारण उन्हें डराने का प्रयासः पाठक
जांच के दौरान पार्टी के शीर्ष नेताओं से जांच में शामिल होने और अभिलेखों में कथित विसंगतियों के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए कहा जा सकता है. पाठक समेत आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेताओं ने सीबीआई की कार्रवाई के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह डर से पैदा हुई साजिश है और गुजरात में उनकी बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों के कारण उन्हें डराने का प्रयास है. पाठक ने बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पांच-छह सीबीआई अधिकारियों की एक टीम मेरे घर आई और मेरे दो कमरों वाले परिसर के हर कोने की करीब तीन-चार घंटे तक तलाशी ली.
उन्होंने मुझे यह नहीं बताया कि वे क्यों आए हैं या किस मामले के लिए आए हैं. उन्होंने मुझे तलाशी वारंट दिखाया. उन्होंने हर जगह तलाशी ली, लेकिन कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वे मुझे डराने आए थे, क्योंकि मैंने गुजरात में आप के लिए काम करना शुरू कर दिया है. वे इसलिए आए थे ताकि गुजरात में कोई भी हमारे साथ न जुड़ जाए. कहा कि उन्होंने संजय सिंह को तब गिरफ्तार किया, जब गुजरात में आप के पांच विधायक हो गए और वह राज्य में एक अच्छा विकल्प बनकर उभरी.
‘आप ओवरसीज इंडिया’ नामक संस्था के जरिए विदेशी धन लेने का आरोप
एफआईआर के अनुसार, आप ने भारत में पार्टी के लिए विदेशी धन जुटाने के लिए अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में स्वयंसेवकों के साथ “आप ओवरसीज इंडिया” नामक एक संस्था का गठन किया था. FIR में आरोप लगाया गया है कि “2016 में कनाडा में एमपी द्वारा आयोजित एक फंड जुटाने के कार्यक्रम के दौरान अनिकेत सक्सेना (एमपी ओवरसीज इंडिया के समन्वयक) और एमपी ओवरसीज इंडिया के तत्कालीन संयोजक कुमार विश्वास के बीच ईमेल के माध्यम से बातचीत हुई थी.
इस बातचीत से पता चला कि दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज ने अनिकेत से भगवंत तूर के माध्यम से 29 हजार अमेरिकी डॉलर का दान सीधे दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज को ट्रांसफर करने के लिए कहा था. गृह मंत्रालय ने ईडी के निष्कर्षों के आधार पर मामले को सीबीआई को भेज दिया, जिसमें पाया गया था कि पार्टी ने 55 पासपोर्ट नंबरों का उपयोग करके 404 मौकों पर विदेश में रहने वाले 155 व्यक्तियों से 1.08 करोड़ रुपये का दान प्राप्त किया था. FIR में आरोप लगाया गया है कि फरवरी 2016 में टोरंटो के एक कार्यक्रम में 11786 अमेरिकी डॉलर की धनराशि एकत्र की गई थी.
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