Home RegionalChhattisgarh अरमान अधूरे: युवक को पसंद करने के बाद कर दिया विवाह से इनकार, लड़की वालों ने कहा-पानी नहीं तो शादी नहीं

अरमान अधूरे: युवक को पसंद करने के बाद कर दिया विवाह से इनकार, लड़की वालों ने कहा-पानी नहीं तो शादी नहीं

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
victim's family

गर्मी का मौसम है, सूरज की तपिश लगातार तीखी होती जा रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ भी भीषण जल संकट से जूझ रहा है. जल संकट भी ऐसा की राजधानी से सटे एक गांव में कोई अपनी लड़की की शादी तक नहीं करना चाहता, जिनके रिश्ते हुए वे टूट गए.

Chhattisgarh: सूरज की तपिश लगातार तीखी होती जा रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ भी भीषण जल संकट से जूझ रहा है. जल संकट भी ऐसा कि राजधानी से सटे एक गांव में कोई अपनी लड़की की शादी तक नहीं करना चाहता. जिनके रिश्ते हुए वे टूट गए. लड़की वालों ने फरमान सुना दिया कि पानी नहीं तो शादी नहीं. ऐसे में सरकार की तमाम योजनाएं पानी मांगती नज़र आ रही हैं.

रीवा गांव छत्तीसगढ़ का कोई दूर दराज के नक्सल प्रभावित गांव नहीं है. बल्कि राजधानी रायपुर से सटा हुआ गांव है. लेकिन यहां का जलसंकट दो दशक पुराना है. हालात ये है कि इस गांव के लड़कों की शादी तक नहीं हो पा रही है. क्योंकि कोई भी इस गांव मे अपनी लड़की नहीं देना चाहता. ताज़ा मामला गांव के ही अक्षय डेहरिया के साथ हुआ. अक्षय को देखने लड़की वाले आए. परिवार ने मेहमानों की खूब आवभगत की लेकिन जैसे ही लड़की वालों को पता चला कि इस गांव में भीषण जल संकट है तो लड़की वालों ने शादी करने से साफ इंकार कर दिया. इसके चलते पूरा परिवार बेहद दुःखी है.

Water crisis in Rewa, District in Madhya Pradesh

गांव में पानी के लिए जद्दोजहद सुबह तीन बजे से ही हो जाती है शुरू

परिवार अब सरकार से घर मे ट्यूबवेल लगवाने की मांग कर रहा है.इस गांव में अक्षय जैसे बहुत लड़के हैं जिनकी शादी सिर्फ इसलिए नहीं हो पा रही क्योंकि गांव में पानी नहीं है. पीने का पानी लेने गांव के लोगों को 2-3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. पानी की ये जद्दोजहद हर दिन सुबह 3 बजे से शुरू हो जाती है. गांव वालों के मुताबिक इस गांव में पेयजल की समस्या करीब 2 दशक पुरानी है. इस दौरान इस क्षेत्र से छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री शिव डेहरिया और केंद्रीय मंत्री रमेश बैस भी रहे. लेकिन वोट लेने के बाद किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस गांव की तरफ पलटकर दोबारा नहीं देखा.

Rewa, District in Madhya Pradesh

आमतौर पर लोगों की सुबह की शुरुआत मॉर्निंग वॉक या पूजापाठ से होती है लेकिन रीवा गांव के लोगों की सुबह पीने के पानी के इंतजाम की चिंता के साथ होती है. इस गांव के घर घर से सुबह 3 बजे सायकिल और मोटरसाइकिल पानी की कुप्पियां लेकर रवाना हो जाती है. लोग करीब 2-3 किलोमीटर दूर के गांव कुकरा से पानी लाने को मजबूर हैं. यहां सरकार की विकास योजनाएं नहीं पहुंच पाई हैं. बल्कि ये गांव राजधानी से सटा हुआ है इसलिए सरकार की नल-जल योजना यहां भी पहुंची, गांव में नल भी लगे, लेकिन पानी नहीं आया. ग्रामीणों के मुताबिक नल-जल योजना का काम भी सालों से अधूरा पड़ा है.

प्रदेश के जल संसाधन मंत्री और उपमुख्यमंत्री अरुण साव के मुताबिक प्रदेश में भीषण जल संकट जैसी कोई स्थिति नहीं है. कहीं कहीं पेयजल की समस्या जरूर है उसे जल्द ही दुरुस्त कर दिया जाएगा. बीजेपी विधायक खुशवंत का कहना है कि जल्द ही गांव मे पानी पहुंचाया जाएगा.

सामाजिक तिरस्कार का कारण बन रही जल संकट

कुल मिलाकर रीवा गांव की पेयजल की समस्या से सरकार और जनप्रतिनिधि कितने गंभीर है यह तो साफ जाहिर हो ही रहा है लेकिन गांव वालों की पानी की ये जद्दोजहद अब सामाजिक तिरस्कार का कारण भी बन रही है. पेयजल की समस्या के चलते शादी टूटना सिर्फ गांव वालों के लिए नहीं बल्कि विकास के बड़े बड़े दावे करने वाली प्रदेश सरकार के लिए भी शर्मिंदगी का सबब बन रही है.

ये भी पढ़ेंः UP: सभी जिलों में खुलेंगे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यालय, पर्यावरण की नई चुनौतियों से निपटेगा बोर्ड

  • रायपुर से श्रीप्रकाश तिवारी की रिपोर्ट

You may also like

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00